
चंदौली। धानापुर ब्लाक के बुढ़ेपुर में अगले कुछ दिनों तक आध्यात्म की अलख जगेगी। गुरुवार को यज्ञस्थल पर जीयर स्वामी जी महाराज के पहुंचते ही पूरा क्षेत्र जयकारे से गूंज उठा। बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे तथा फूल-मालाओं से स्वामी जी का स्वागत किया गया। 25 जून से जीयर स्वामी जी महाराज चतुर्मास व्रत का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान स्वामी जी ने श्रद्धालुओं के बीच को प्रवचन भी दिया।
भटके मन को एक जगह केन्द्रित करके बांध लेने का नाम है योग
शुकदेवजी महाराज से राजा परीक्षित को योग के बारे में बतातेे हुए कहा था कि योग केवल इतना ही नही की सांस को लेना फिर छोड़ना। यह केवल स्वास्थ्य लाभ के लिए अच्छा है। लेकिन इतने से हम योग के अधिकारी हो जाएंगे यह बात नहीं है। योग का अर्थ है कि हमारा मन, चित्त बुद्धि कहीं भटक गया है, कहीं अटक गया है, उसको चारो तरफ से केन्द्रित कर, पकड़ कर, समझ करके बांध लेना इसी का नाम है योग।
चित्त की चंचलता को रोका नही जा सकता।
स्वामी जी महाराज ने बताया कि चित्त् की चंचलता को रोका नही जा सकता है। मोड़ा जा सकता है। इसको दूसरे जगह ट्रांसफर किया जा सकता है। प्रतिस्थापित किया जा सकता है। जो चीज नहीं रुकने वाली है उसे कैसे आप रोक सकते हैं। इसलिए मन को लगाना है तो वहां लगाइए जिसने पुरे संसार को बनाया है। उन्ही में अपनी चित्त की चंचलता को लगा दीजिए। और जब जब मन करता है कुछ गुनगुनाने का तो मुरली वाले के नाम को गाइए। घुमने की इच्छा हो तो क्लब में मत जाइए। बल्कि विन्ध्याचल, अयोध्या, मथुरा, काशी चले जाइए।