
लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा।
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।
मैं रहूं या ना रहूं पर ये वादा है तुमसे मेरा कि
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आएगा
चंदौली। ऐसा ही जनसैलाब शहीद धर्मदेव की शवयात्रा में उमड़ पड़ा। इंकलाब जिंदाबाद के गगनभेदी नारे जन-जन के कानों में देशभक्ति का रंग घोल रहे थे। शहाबगंज के ठेकहां निवासी सीआरपीएफ के जवान धर्मदेव का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ कैंप दुलहीपुर पहुंचा। यहां से निकला तो हजारों की भीड़ शहीद के इंतजार में पलकों की कोर बिछाए खड़ी थी। हाथ में तिरंगा और नम आंखों के साथ लोग शहीद की शवयात्रा में शामिल हुए।
सीआरपीएफ कैंप से गांव पहुंचने तक सैकड़ों की भीड़ हजारों में तब्दील हो गई। रास्ते में ऐसा कोई गांव, कोई चट्टी चाौराहा नहीं था जहां लोग तिरंगा और फूल के साथ स्वागत के लिए न खड़े हों। युवा इस अविस्मरणीय पल को कैमरे में कैद करते नजर आए। वाहनों का रेला कहां समाप्त हो रहा था इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल था। शहीद के शव के साथ चल रहे लोग भारत माता की जय का उद्घोष कर रहे थे जो यह बताने के लिए काफी था कि ऐसी अंतिम यात्रा एक शहीद के हिस्से ही आ सकती है।