
चंदौली। अफगानिस्तान के काबुल में फंसा चंदौली जिले के अमोघपुर मुगलसराय का सूरज चौहान सकुशल घर वापस लौट आया है। उसने भारत सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की। सोमवार को तड़के गांव वापस आने पर परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। सूरज को देखने पूरा मोहल्ला उमड़ पड़ा। सूरज सभी को तालिबानियों के जुल्म और वतन वापसी की कहानी सुनाता रहा।
दूतावास के वापस लौटने पर लगने लगा था डर
सूरन ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात पूरी तरह बदल गए। सभी खौफ के साए में जीने लगे। लेकिन भारतीय दूतावास हमलोगों से लगातार संपर्क बनाए हुए था। मोबाइल पर मैसेज आते थे कि घबराने की जरूरत नहीं सबकी मदद की जाएगी। लेकिन दूतावास के वापस चले जाने के बाद डर लगने लगा था। कब क्या हो जााएगा कुछ पता नहीं था। जब तक कंपनी में थे तबतक सुरक्षित महसूस कर रहे थे। बाहर के हालात काफी खराब थे। सड़कों पर गोलियों के चलने और चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती रहती थीं।
पांच दफा एयरपोर्ट जाने का किया प्रयास
सूरज ने बताया कि भारत सरकार ने एयापोर्ट पहुंचाने का काफी कोशिश की। जहां हम रहते थे वहां से काबुल एयरपोर्ट मात्र पांच किमी की दूरी पर था। लेकिन वहां तक पहुंचना काफी मुश्किल भरा काम था। पांच दफा हम लोगों को एयरपोर्ट पहुंचाने का प्रयास किया गया। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अंत में छठवीं दफा इस उम्मीद से कोशिश की गई कि यदि किस्मत साथ देती है तो अबकी एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश मिल जाएगा। किस्मत अच्छी थी सभी लोगों को एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश मिल गया और भारतीय वायु सेना सभी को सकुशल वापस ले आई।