
चंदौली। क्षेत्र के रेवसा स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अब माडल आईटीआई कालेज बनेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए सात करोड़ रुपये बजट जारी कर दिया है। इससे संस्थान को उच्चीकृत किया जाएगा। यहां औद्योगिक प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था होगी। गुणवत्तायुक्त शिक्षा हासिल करने वाले यहां के छात्रों को नौकरी व रोजगार ढूंढने में सहूलियत होगी।
कृषि प्रधान जनपद में औद्योगिक शिक्षा हासिल करने के लिए गिने-चुने स्कूल, कालेज हैं। रेवसा आईटीआई कालेज काफी पुराना है, लेकिन यहां जरूरी संसाधनों का टोटा है। इसकी वजह से पठन-पाठन व ट्रेनिंग में मुश्किलें आती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भारी उद्योग मंत्री व सांसद डाक्टर महेंद्रनाथ पांडेय ने माडल आईटीआई कालेज बनवाने की पहल की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से इसके लिए बजट की मांग की थी। सरकार ने उनकी डिमांड पर आईटीआई कालेज को उच्चीकृत करने के लिए सात करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान कर दी है। इस धनराशि से कालेज का विकास कराया जाएगा। यहां औद्योगिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के प्रशिक्षण के लिए संसाधनों की व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही अन्य जरूरी शैक्षणिक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। पठन दृपाठन में सुधार होगा तो लाजमी है कि योग्य व होनहार छात्रों को आसानी से अच्छी कंपनियों में नौकरी व रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। डा. पांडेय ने कहा कि सरकारी आईटीआई का मॉडल आईटीआई में उन्नयन योजना के तहत रेवसा स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को उच्चीकृत किया जाएगा। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के प्रशिक्षुओं के आईटीआई में प्रवेश के लिए राज्य सरकार की आरक्षण नीति को ध्यान में रखते हुए घटक एससीएसपी के तहत धनराशि जारी की गई है। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस माडल आईटीआई में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां युवाओं को आईटीआई के सभी ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि देश में ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियों में भी उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।