चंदौली। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के मुकदमे की सुनवाई करते हुए आरोपी को 12 साल कारावास की सजा सुनाई। वहीं 10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर 10 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पाक्सो शमशेर बहादुर सिंह, अवधेश नारायण सिंह और रमाकांत उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किया। वहीं सुनवाई के दौरान 10 गवाह पेश किए गए।
अधिवक्ताओं ने बताया कि बबुरी थाना के एक गांव निवासी 16 वर्षीय पीड़िता के पिता ने 6 जनवरी 2016 को थाने में गांव के ही राजेश, संकठा, छब्बू और डब्बू पर अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। राजेश पर 5 जनवरी 2016 को एक कमरे में रातभर रखकर दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाया था। सुबह बेटी लौटी तो आपबीती सुनाई। पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करने के साथ ही विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस मामले में स्पेशल जज पाक्सो ने सुनवाई करते हुए अधिवक्ताओं के तर्क और गवाहों के बयान के आधार पर आरोप सिद्ध होने पर आरोपी राजेश को धारा 363 आईपीसी में चार साल कठोर कारावास, चार हजार रुपया जुर्माना, धारा 366 आईपीसी में 5 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपया अर्थदंड लगाया। वहीं धारा 4 (1) पाक्सो एक्ट में 12 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपया जुर्माना लगाया।