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चंदौली जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा का दबदबा खत्म करने की ओर बीजेपी

पूर्वांचल टाइम्स एक्सक्लूसिव…

चंदौली। अबकी भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाले में आती नजर आ रही है। यदि ऐसा हुआ तो चंदौली जिला पंचायत के  इतिहास में पहली बार भाजपा का कोई उम्मीदवार इस हाट सीट पर काबिज होगा। सूबे में कई दफा भाजपा की सरकार बनी। लेकिन राजनीतिक समीकरणों का खेल कभी भाजपा के पक्ष में फिट नहीं बैठा। जबकि सपा ने सर्वाधिक तीन दफा इस कुर्सी पर अपना दबदबा कायम किया।

जिला पंचायत 24 साल के इतिहास में तीन बार सपा समर्थित उम्मीदवार अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुए। जबकि भाजपा हमेशा की कुर्सी की दौड़ में पीछे रही। लेकिन इस दफा छत्रबली सिंह का साथ बीजेपी की किस्मत बदल सकता है। जिला पंचायत चुनाव में सत्ताधारी दल के आठ सदस्य ही जीत दर्ज कर सके, लेकिन बीजेपी निर्दलियों व विपक्षी दलों के जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में करने की कामयाब होती नजर आ रही है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह 20 सदस्यों के समर्थन और भाजपा उम्मीदवार दीनानाथ शर्मा की एकतरफा जीत का दावा कर रहे हैं।

चंदौली जिला पंचायत का इतिहास
वाराणसी से अलग होकर 1997 में अस्तित्व में आए चंदौली जनपद में सुषमा पटेल पहली जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। इसके बाद 2000 में सपा की पूनम सोनकर, 2005 में सपा की ही अलावती यादव तो 2015 में सरिता सिंह चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। जबकि 2010 में बसपा के समर्थन से छत्रबली सिंह अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान हुए। आंकड़ों की किताब में झांका जाए तो अध्यक्ष पद की कुर्सी पर अब तक सपा का ही दबदबा रहा है। चंदौली में जिला पंचायत सदस्य के 35 पद हैं। जिसे 18 सदस्यों का वोट मिलेगा, अध्यक्ष की कुर्सी उसकी होगी। तीन जुलाई को कलेक्ट्रेट में सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा।

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