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पूर्वांचल में बिगड़ेगा मौसम का मिजाज, किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की जरूरी सलाह

चंदौली। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान आंकड़ों के अनुसार छह और सात मई को गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा होने तथा आधी-तूफान की संभावना है। इस बीच आमजन को गर्मी से आंशिक राहत मिलेगी। औसत अधिकतम तापमान 35.0 से 36.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य, न्यूनतम तापमान 22.0 से 23.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य और आर्द्रता 42 से 91 फीसद के बीच रहने का अनुमान है। साथ ही मध्य तथा सामान्य से तेज गति से ज्यादातर पूर्वी- उत्तरी दिशा की ओर हवा चलने की संभावना है।

किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की जरूरी सलाह

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसपी सिंह और कृषि मौसम वैज्ञानिक कृष्ण मुरारी पांडेय ने बताया कि कोरोना (कोविड-19) के गंभीर फैलाव को देखते हुए, तैयार फसलों की कटाई तथा अन्य कृषि कार्यों के दौरान भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का उपयोग, साबुन से हाथ धोना तथा एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें।

– अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडार घर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें। दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। भंडार घर को अच्छे से साफ कर लें। छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाकर रखें। जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा व अन्य बीमारियां आदि नष्ट हो जाएं।

– ग्रीष्मकाल हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा आदि की बोआई कर सकते हैं। सनई बीज दर 60-70 और ढैंचा 50-60 किग्रा प्रति हेक्टेयर। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बोवाई इस सप्ताह कर सकते है।बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।

– खाली खेतो की गहरी जोताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीडों के अंडे तथा घास के बीज नष्ट हो जाएं। किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहां संभव हो अपने खेत का समतलनीकरण करवाएं।

 

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