
मीरजापुर। संवेदनहीनता की हद पार कर दी धरती का भगवान कहे जाने वाले डाक्टरों ने। मीरजापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र के पांडे विजयपुर गांव निवासी सुरेश चंद्र की वेदना का कोई अंत नहीं है। 19 वर्षीय पुत्र आशीष ने गुरुवार को जहर खाकर जान दे दी। दरअसल आशीष बाइक से गैपुरा से विजयपुर की तरफ जा रहा था। गैपुरा पुलिस शीतला धाम विजयपुर के पास बाइक चेकिंग कर रही थी। मोटरसाइकिल पर तीन लोग सवार होकर बिना मास्क के जा रहे थे। पुलिस ने आशीष को रोक कर चालान काट दिया। चालान का पैसा लेने घर गया तो आशीष के पिता सुरेश ने उसे डांट दिया। जिससे क्षुब्ध होकर आशीष ने जहरीला पदार्थ खा लिया। इलाज के लिए पीएचसी विजयपुर परिजन ले गए। जहां डाक्टरों ने गंभीर हालत देख मंडलीय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। रास्ते में आशीष की मौत हो गई।
बेहतर इलाज को भटकता रहा बेबस पिता
जवान बेटे को खोने वाले पिता सुरेशचंद्र का आरोप है कि पीएचसी पर चिकित्सकों ने उसे छुआ तक नहीं। अगर समय से इलाज मिल जाता तो आशीष की जान बच सकती थी। हालांकि प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. महेन्द्र का कहना है कि हालत गंभीर होने के कारण पीडित को तुरंत रेफर कर दिया गया। सुरेश ने विंध्याचल थाने में तहरीर देते हुए आरोप लगाया कि विजयपुर स्वास्थ्य केंद्र सरोई में चिकित्सकों ने पुत्र का इलाज नहीं किया। बिना प्राथमिक उपचार के कागज पर रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस की मांग की गई तो वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया।