
वाराणसी। भेलुपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में हुए सनसनीखेज पांच हत्याओं के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मुख्य आरोपित विशाल गुप्ता उर्फ विक्की को घटना के तीन महीने बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के साथ सीरगोवर्धन के लौटूबीर मंदिर के पास से पकड़ा। दोनों भाइयों ने अपने माता-पिता और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार की हत्या की साजिश रची थी।
बदले की आग में की गई निर्मम हत्या
विशाल गुप्ता ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वर्ष 1997 में उसके माता-पिता और दादा की हत्या उसके चाचा राजेंद्र गुप्ता ने कर दी थी। इस दौरान प्रशांत भी घायल हो गया था। माता-पिता की हत्या के बाद राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार ने विशाल और प्रशांत को नौकर की तरह रखा और बार-बार मारपीट करते थे। 2022 में राजेंद्र और उनके बड़े बेटे ने विशाल को बेरहमी से पीटा और कई दिनों तक घर में बंद रखा। इसी अत्याचार से तंग आकर विशाल ने अपने चाचा के परिवार को खत्म करने का निर्णय लिया और घर छोड़ दिया। इसके बाद उसने अपने भाई प्रशांत के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए विशाल और प्रशांत ने फर्जी आईडी पर चार से पांच मोबाइल सिम कार्ड लिए और बिहार से दो पिस्टल खरीदी। पूरी योजना के तहत उन्होंने पहले अपने चाचा को मारने का फैसला किया और फिर पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
पहले चाचा को मारा, फिर परिवार को खत्म किया
4-5 नवंबर 2024 की रात, विशाल ने पहले रोहनिया स्थित निर्माणाधीन मकान में सो रहे चाचा राजेंद्र गुप्ता को गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वह वापस भदैनी स्थित घर आया और वहां मौजूद राजेंद्र की पत्नी नीतू, उनके बेटे नवनेन्दु और शुभेन्दु, तथा बेटी गौरांगी की भी गोली मारकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए छिपता रहा
हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए विशाल मुगलसराय रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर बिहार निकल गया। वहां से वह कोलकाता और फिर मुंबई चला गया। इस दौरान वह लगातार पटना, कोलकाता और मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर समय बिता रहा था ताकि पुलिस उसे ट्रैक न कर सके। वह अपने भाई प्रशांत से संपर्क में रहने के लिए Instagram ऐप का इस्तेमाल करता था, जिसके लिए उसने दो फर्जी आईडी बनाई थीं।
पुलिस टीम को एक लाख का इनाम और प्रशस्ति पत्र
पांच हत्याओं के इस जघन्य कांड का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की गई। पुलिस कमिश्नर ने सर्विलांस टीम प्रभारी दिनेश कुमार यादव को प्रशस्ति पत्र दिया। पुलिस टीम में उपनिरीक्षक मनीष कुमार मिश्र, कृष्ण कुमार जासवाल, हेड कांस्टेबल विवेक मणि त्रिपाठी, कांस्टेबल विराट सिंह, मनीष कुमार, अश्विनी सिंह, बृजेश कुमार यादव, प्रशांत तिवारी, आदर्श आनंद सिंह, भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, उपनिरीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह, कांस्टेबल सुमित शाही, सूरज कुमार, अजय सिंह और सर्वेश सिंह शामिल रहे।