वाराणसी : सावन मास के अंतिम सोमवार पर काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। मंगला आरती के बाद से ही काशी विश्वनाथ मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। सावन का अंतिम सोमवार होने के चलते आज काशी विश्वनाथ मंदिर में जबर्दस्त भीड़ है। कल रात से ही आसपास के गली और चैराहे कांवरिए और आम शिवभक्तों से पटा पड़ा था। सुबह 10 बजे तक काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से जारी किए गए डेटा के अनुसार अभी तक लगभग 3.25 लाख से ऊपर शिव भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया है। पिछले 3 सोमवार का रिकॉर्ड इस बार टूटने वाला है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह 3ः00 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। दशाश्वमेध घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट संख्या 1,2,3 और चार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। दशाश्वमेध घाट से गंगा स्नान करने के बाद शिव भक्त लाइनों में लगकर सुबह से ही दर्शन पूजन कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ धाम घाट पर सबसे ज्यादा भीड़ है। कांवरिया काशी विश्वनाथ धाम घाट से जल भरकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दरबार में जाने के लिए लाइनों में लग जा रहे हैं।
वहीं सावन के अंतिम सोमवार पर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की तरफ से शिव भक्तों पर आज पुष्पवर्षा की गई। शहर दक्षिणी के विधायक नीलकंठ तिवारी और काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा की उपस्थिति में भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई। सावन का अंतिम सोमवार होने के चलते आज 4 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। सुनील वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है और साथ ही श्रद्धालुओं के ऊपर सावन के पहले और अंतिम सोमवार पर आज पुष्प वर्षा की जा रही है।
सावन के महीने भर की अगर बात करें तो काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन का पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा है। अधिक मास होने के चलते सावन इस बार 60 दिन का पड़ा था। 60 दिनों में 1.25 करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया। काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इस बात का पूरा ख्याल रखते हुए मंदिर प्रशासन की तरफ से जगह-जगह पीने के पानी और मेडिकल की भी सुविधा की गई है।
बताते चलें कि सावन महीने की अगर बात कर ली जाए तो इस बार का सावन का महीना 60 दिन का था। पूरे सावन के महीने में कुल 7 सोमवार पड़ा ।सातों सोमवार पर कांवरियों का जत्था सबसे ज्यादा बाबा के दरबार में दर्शन पूजन किए। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बाबा के श्रृंगार की बात करें तो सावन भर बाबा का अलग-अलग श्रृंगार किया गया। सावन के पहले सोमवार पर चल प्रतिमा श्रृंगार और उसके बाद भागीरथी श्रृंगार, गौरी शंकर श्रृंगार, तपस्या रत शिव पार्वती श्रृंगार, अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया गया। आज सावन के अंतिम सोमवार पर भूतभावन बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया है।