वाराणसी : BHU अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों से मारपीट के मामले को लेकर चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पांच दिन बाद खत्म हो गई। छठें दिन हड़ताल खत्म करने के बाद डॉक्टर काम पर लौट गए, जिससे बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिली है।
हड़ताल करते हुए धरने पर बैठे डॉक्टर मंगलवार को ओपीडी और वार्ड में वापस लौट गए और मरीजों के इलाज में जुटे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी अधिकतर मांगे मान ली गई हैं और मारपीट के आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का आवश्वासन मिला है। इसके अलावा मारपीट करने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय से भी निलंबित करने की बात कही जा रही है।
दरअसल, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में बीते बुधवार की रात्रि में इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा था। इसी दौरान कुछ छात्र वहां पहुंचे और छात्रों द्वारा अपने परिजन का उपचार पहले करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। बताया जा रहा है कि इस दौरान बाउंसर ने छात्रों को रोका तो छात्रों की बाउंसरों से कहा सुनी हो गई। इस बीच जूनियर डॉक्टर वहां पहुंचे और इमरजेंसी से छात्रों को बाहर निकालने के लिए कहे। इसी बात को लेकर छात्र नाराज हो गए और जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट करने लगे।
छात्रों पर आरोप है कि उन लोगों ने पांच जूनियर डॉक्टरों और दो महिलाओं को मारपीट कर घायल कर दिया। घायल जूनियर डॉक्टर और दोनों महिलाओं को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार हुआ। इसी मामले को लेकर नाराज सर सुंदरलाल अस्पताल के डॉक्टर अगले दिन से हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों द्वारा मांग की गई कि आरोपी छात्रों की गिरफ्तारी करने के साथ ही उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए। छात्रों की गिरफ्तारी न होने से नाराज डॉक्टर 5 दिनों तक हड़ताल पर रहे।
डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सर सुंदर लाल अस्पताल में उपचार करने के लिए आने वाले पूर्वांचल सहित बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश वह अन्य राज्यों के मरीजों और उनके परिजनों को भी काफी परेशान होना पड़ा। फिलहाल मंगलवार को छात्रों की गिरफ्तारी और उन पर कार्यवाही की बात के बाद डॉक्टर का हड़ताल खत्म हो गया और डॉक्टर अब मरीजों का उपचार करने में जुट गए हैं।