वाराणसी : सामाजिक कार्यकर्ताओं और गांधीवादियों के तमाम विरोध प्रदर्शन को दरकिनार कर उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने शनिवार को राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर में बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाही की। जिला प्रशासन, आरपीएफ-पुलिस फोर्स की मौजूदगी में परिसर स्थित गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा प्रकाशन भवन को ध्वस्त कराया गया। इस दौरान कार्रवाई का विरोध कर रहे गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सर्व सेवा संघ परिसर में स्थित डाक घर से सामान हटाने के लिए रेलवे ने 13 अगस्त रविवार तक का समय दिया है।
गौरतलब हो कि राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर 8.07 एकड़ जमीन में है। परिसर में बड़ा भवन और 50 आवास बने हैं। चार संग्रहालय भी हैं। संघ के जमीन पर मालिकाना का हक दावा जिलाधिकारी की कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद रेलवे प्रशासन ने परिसर से कब्जा हटाने और भवन ध्वस्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया था। बीते 22 जुलाई को परिसर में रखा सामान बाहर प्रशासन और रेलवे की टीम ने निकलवा दिया था। इसके विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन में किसान नेता राकेश टिकैत, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और मेधा पाटेकर भी शामिल हुई थीं। इसके पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं ने भी ट्वीट कर विरोध जताया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सर्व सेवा संघ की याचिका खारिज होने के बाद रेलवे प्रशासन ने आज ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की।
पूर्वांह दस बजे से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई. ध्वस्तीकरण के दौरान सर्व सेवा संघ के संयोजक रामधीरज सहित 20 की संख्या में सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मुख्य द्वार के पास बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिर भी कार्रवाई नहीं रूकी तो गांधीवादी सड़क पर लेट गए। कार्यकर्ताओं के उग्र तेवर को देख पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में ले लिया।