वाराणसी। बहुचर्चित अवधेश हत्याकांड में एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। हत्याकांड के लगभग 31 साल बाद फैसला आया। इससे अवधेश राय के भाई, पूर्व मंत्री व कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय व उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है। मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुआ। संभवतः यह यूपी का पहला ऐसा मुकदमा है, जिसमें बगैर मूल केस डायरी के सुनवाई हुई।
तीन अगस्त 1991 को अवधेश राय की लहुराबीर में उनके घर के बाहर ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भाई की हत्या के दौरान अजय राय वहीं मौजूद थे। घटनास्थल से महज चंद कदम की दूरी पर ही चेतगंज थाना है। इस मामले में अजय राय की ओर से माफिया सरगना व पूर्व विधायक मुख्तार अ्ंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम (अब जीवित नहीं), भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश न्यायिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे की सुनवाई पहले प्रयागराज कोर्ट बाद में वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। सोमवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इसको लेकर सुबह से ही बनारस कचहरी में गहमागहमी रही। अजय राय व उनके समर्थक कचहरी में डंटे रहे। अहम यह कि इस मुकदमे में मूल केस डायरी गायब हो गई थी। अदालत ने मूल दस्तावेज की कापी को ही आधार मानकर ही सुनवाई पूरी हुई। जानकारों की मानें तो यह संभवतः यूपी का ऐसा पहला मुकदमा होगा।