- चंदौली में बड़े चेहरों के बाद भी बीजेपी को मिली हार
- दो सांसद, दो विधायक और मंत्री नहीं दिलवा सके जीत
- पार्टी के लिए मुगलसराय की हार किसी सदमे से कम नहीं
चंदौली। बात शुरू करते हैं चंदौली में बीजेपी के उन बड़े चेहरों से जो सत्ता की मलाई खा रहे हैं। दो राज्य सभा सांसद दर्शना सिंह और साधना सिंह, सकलडीहा निवासी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, सैयदराजा विधायक सुशील सिंह और मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल। लेकिन मंगलवार को मतों की गिनती शुरू हुई तो भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय चंदौली की तीनों विधान सभाओं सकलडीहा, सैयदराजा और मुगलसराय में हारते चले गए। खासकर मुगलसराय में मिली हार किसी सदमे से कम नहीं है। जाहिर है जनता ने न सिर्फ डा. महेंद्र नाथ पांडेय को नकारा बल्कि आने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर भी अपने इरादे साफ कर दिए हैं। विधायकों की लोकप्रियता भी प्रभावित हुई है। हालांकि हालिया निकाय चुनाव में इस संभावित हार के संकेत मिल गए थे।
सांसद, विधायक मंत्री भी नहीं दिलवा सके जीत
मुगलसराय विधान सभा में सपा के वीरेंद्र सिंह को 108356 वोट मिले जबकि भाजपा के डा. महेंद्र नाथ पांडेय को 95015 मत प्राप्त हुए। सकलडीहा में विरेंद्र सिंह को 89757 और डा. महेंद्र नाथ को 68703 और सैयदराजा में सपा प्रत्याशी को 78684 और बीजेपी को 77334 वोट मिले। मुगलसराय विधान सभा में 13341 मतों से मिली हार भाजपा को टीस देने वाली रही। मुगलसराय क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से बीजेपी का गढ़ बना हुआ था। डा. महेंद्र नाथ ने पिछले दोनों चुनाव में यहां से अच्छी बढ़त प्राप्त की थी। लेकिन इस चुनाव में मिली हार बीजेपी विधायक की लोकप्रियता पर भी सवालिया निशान है। हालांकि निकाय चुनाव में ही जनता ने इस बात के संकेत दे दिए थे। नगर पालिका मुगलसराय और नगर पंचायत चंदौली में निर्दल प्रत्याशियों ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। मतदाताओं ने जता दिया था कि भाजपा जनप्रतिनिधियों के काम-काज से खुश नहीं है। यही नहीं विधायक रमेश जायसवाल अपने वार्ड में सभासद तक को जीत नहीं दिलवा सके। अब बात करें सैयदराजा विधान सभा की तो यहां भी बीजेपी प्रत्याशी पिछड़े हैं लेकिन अंतर मात्र 1350 मतों का है। हालांकि इस दफा विधायक सुशील सिंह ने तकरीबन 20 हजार की लीड लेने का दावा किया था। वहीं सकलडीहा में हमेशा से कमजोर रही बीजेपी सपा के मुकाबले 21054 वोटों से पिछड़ गई। जबकि योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर का गृह क्षेत्र है। इस तरह दो सांसद, दो विधायक और मंत्री के रहते मिली हार की समीक्षा जरूर होगी। डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने भी कहा है कि हार के कारणों की समीक्षा होगी।