जौनपुर। 11 वर्ष की बच्ची के साथ दुराचार और एसिड से जलाकर मारने संबंधी जघन्य वारदात के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव की अदालत ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपित को मृत्यु दंड और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सजा सुनाई। शनिवार को सुनवाई के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिखा था। मामले की प्रतिदिन सुनवाई चल रही थी। अदालत ने सात माह में ही फैसला सुना दिया। बालिका के पिता ने घटना की एफआईआर दर्ज कराई थी।
ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने वाला चंदौली निवासी बालगोविंद उर्फ गोविंदा अपने ससुराल मड़ियाहू में रह रहा था। बीते वर्ष छह अगस्त की रात उनके 11 वर्षीय बालिका और उसी बहन को दुकान से टाफी दिलवाकर पहले फुसलाया। इसके बाद छोटी बहन को घर भेज दिया। मृतका को जबरन मक्के के खेत में ले गया और दुष्कर्म के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी ताकि बच्ची किसी को घटना के बारे में बता न दे। हैवान यहीं नहीं रुका उसने एसिड डालकर मृतका का चेहरा जला दिया और शव को खेत में ही छिपाकर भाग निकला। उधर छोटी बहन से घरवालों को पूरी बात बताई। दो दिन बाद गांव के लोगों ने खेत से शव ढूंढ निकाला। पोस्टमार्टम में मृतका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपित को चंदौली से गिरफ्तार किया और कोर्ट में चार्जशीट दखिल की। गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने फांसी की सजा सुनाई।
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