
गाजीपुर। बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चारागाह बन गया। जरा सी उंगली टेढ़ी की और लाखों का वारा न्यारा। बहरहाल विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंध शासन तक पहुंच गई है। अनियमितता के आरोपों से घिरे गाजीपुर बीएसए को निलंबित कर दिया गया है। विशेष सचिव आरवी सिंह का फरमान जारी होते ही महकमे में हड़कंप मच गया। निलंबित बीएसए को इस आशय का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने को कहा गया है कि वे नौकरी के अतिरिक्त किसी अन्य व्यवसाय में लिप्त नहीं है।
शिक्षकों का वेतन, एरियर, नियुक्ति प्रमाण पत्र के नाम पर वसूली का खेल तकरीबन हर जनपद में चल रहा है। गाहे-बहागे शिकायतें भी उठती रहती हैं। लेकिन आवाज शासन तक नहीं पहुंच पाती और मामला जनपद स्तर तक ही मैनेज होकर रह जाता है। लेकिन गाजीपुर बीएसए की कारगुजारी शासन तक पहुंच गई। छात्रवृत्ति में गबन, शिक्षकों के स्थानांतरण और समायोजन में वसूली आदि के आरोपों में सोमवार की देर शाम बीएसए श्रवण कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच आजमगढ़ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपी गई है। बीएसए पर यह भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने संविदा कर्मियों को अनुपस्थित रहने के बाद भी भुगतान किया। ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान सूक्ष्म जलपान पर खर्च होने वाली धनराशि में भी अनियमितता की गई। मनमाने ढंग से शिक्षकों को बगैर ठोस कारण निलंबित भी करते रहे। शासन की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार में लिप्त शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है।