चंदौली। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड की ओर से सैदूपुर स्थित पंचायत भवन में शनिवार को एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को श्री अन्न (मोटे अनाज) पैदा करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके लिए 25 किसानों का चयन किया गया है। उन्हें मुफ्त बीज और तकनीकी सहायता दी जाएगी।
इस दौरान कृषि वैज्ञानिक डॉ बीडी पांडेय ने कहा कि सेंटेड चावल, गेहूं जैसे पतले अनाज को खाने से मनुष्य को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझना पड रहा है। खुद अपनी सेहत सुधारने के साथ-साथ मानव जीवन को स्वस्थ एवं खुशहाल बनाने के लिए किसानों का दायित्व है कि हम अपने खेतों में श्री अन्न (मोटे अनाज) ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, शावा, कंगनी का उत्पादन करें। ऐसे अनाज का सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी, वहीं खेतों के मृदा की खराब हो रही सेहत भी सुधरेगी।
किसान उत्पादक समूह के जनार्दन सिंह ने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन से रासायनिक उर्वरक की उपयोगिता कम होगी। इससे किसान कम खर्चे में इस तरह की फसल का उत्पादन कर सकेंगे। इस दौरान मोटे अनाज उत्पादन के साथ इनके मार्केटिंग तथा जलवायु परिवर्तन से फसलों को बचाए जाने के उपाय भी बताए गए। कार्यशाला में किसान प्रभुदयाल सिंह, लालजी सिंह, प्रेमचंद गुप्ता, संतोष, सरेम लाल, रमाशंकर, वासुदेव, चंद्रभान, काशीनाथ तिवारी, सत्यनारायण, सुनील विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।