चंदौली। विधान सभा चुनाव नामांकन के समय जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम लिख गया एक पत्र सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। यह पत्र चकिया विधायक कैलाश खरवार को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए लिखा गया था, जिसमें उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर शिकायत की गई थी। मूल निवासी अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया था कि कैलाश आचार्य खरवार जाति से नहीं आते हैं। हालांकि नेता जी की दाल नहीं गल सकी और कैलाश आचार्य ने जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया, जिससे वे संतुष्ट हो गए। यह पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सुरक्षित चकिया विधान से भाजपा प्रत्याशी कैलाश खरवार के नामांकन के बाद मूल निवासी अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि कैलाश खरवार ने नामांकन पत्र के साथ जो जाति प्रमाण पत्र लगाया है वह फर्जी है। वह खरवार जाति से नहीं आते हैं। भारत सरकार ने जिन जातियों को खरवार जाति के रूप में चिन्हित किया है यदि वे उस जाति से हैं तो अपना साक्ष्य दें। हालांकि इसके बाद कैलाश आचार्य को जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करना पड़ा, जिससे अधिकारी संतुष्ट हो गए।
मेरी जाति को लेकर जो शिकायत की गई थी। उसपर मैंने सक्षम अधिकारी के समक्ष अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया था। सभी अभिलेख सही पाए गए। जाति प्रमाण पत्र को लेकर लगाए गए आरोप निराधार थे। कैलाश खरवार, बीजेपी विधायक चकिया