चंदौली। कोरोना काल में तकरीबन बैसाखी पर जा चुकी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को कुछ लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी और बीमार बना दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मिनी महानगर मुगलसराय के पीपी सेंटर में देखने को मिला। एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अस्पताल की दाई और स्टाफ नर्स एक प्रसूता के परिजनों से सुविधा शुल्क की मांग करती नजर आईं। मनमाफिक पैसा नहीं मिलने पर खूब झगड़ा कर रही हैं। यही नहीं खुली चुनौती दे रही हैं कि पैसा नहीं देने पर प्रसव संबंधी कागजात नहीं मिलेंगे चाहे जितना जोर लगा लें। बहरहाल पूर्वांचल टाइम्स ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. आकिफ ने फौरी कार्रवाई करते हुए दो दाईयों की छुट्टी कर दी वहीं स्टाफ नर्स की ड्यूटी लेबर रूम में नहीं लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने नर्स से स्पष्टीकरण प्राप्त करने की भी बात कही है।
ये है पूरा मामला
मुगलसराय क्षेत्र के कैली गांव की एक महिला अपनी पुत्री को प्रसव के लिए रविवार को पीपी सेंटर पर ले गई। महिला निहायत ही गरीब है और उसकी बेटी को ससुराल वालों ने छोड़ दिया है। आरोप है कि प्रसव के बाद पीपी सेंटर की दाई ने प्रसूता की मां से एक हजार रुपये की मांग की। कहा अस्पताल का खुला रेट है। प्रसव के बाद 300 रुपये दाई और और 700 रुपये नर्स का होता है। परिजनों ने गरीबी की वास्ता देते हुए स्वेच्छा से 200 रुपये देने की बात कही तो दाई नाराज हो गई। झगड़ा करने लगी और धमकी दी कि पैसा नहीं मिलने पर अस्पताल से कोई कागज नहीं मिलेगा। नर्स पर भी पैसा मांगने का आरोप लगाया। इस बाबत पीपी केंद्र प्रभारी डा. आकिफ का कहना है कि दो दाईयों की शिकायत मिल रही थी। लिहाजा दोनों को हटा दिया गया है। नर्स की ड्यूटी प्रसव कक्ष में नहीं लगाने के निर्देश दिए गए है। स्पष्टीकरण भी लिया जाएगा।