चंदौली। मुगलसराय विधानसभा 1952 में अस्तित्व में आई। शहरी मतदाताओं की अधिकता वाली यह विधानसभा रेलवे व कोयला के लिए मशहूर है। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जन्मस्थली है। वहीं एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का अंतिम पड़ाव भी माना जाता है। उन्हीं के नाम पर नगर, नगर पालिका व जंक्शन का नाम भी रखा गया है। चंदासी कोयला मंडी की वजह से भी यह क्षेत्र अपनी अलग पहचान रखता है। इस बार मुगलसराय विधानसभा में भाजपा, सपा, कांग्रेस व बसपा, क्षेत्रीय दलों व निर्दलीय मिलाकर कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सभी राजनीतिक दल जातिगत समीकरण को भुनाने में लगे हैं। वहीं चुनाव में क्षेत्र का विकास भी अहम मुद्दा बना है। सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि 10 मार्च को ही पता चलेगा कि मतदाताओं ने किस प्रत्याशी पर भरोसा जताया।
जानिए मुगसराय सीट का राजनीतिक इतिहास
मुगलसराय विधानसभा 1952 से पूर्व रामनगर-मुगलसराय विधानसभा सीट का हिस्सा हुआ करती थी। यहां से पहले विधायक कांग्रेस के उमाशंकर तिवारी चुने गए। 1974 में बीकेडी से गंजी प्रसाद ने सीट पर कब्जा जमाया। 1977 के विधानसभा चुनाव में भी जनता ने उन पर भरोसा दिखाया। 1980 के चुनाव में यह सीट दोबारा कांग्रेस के पाले में चली गई। कांग्रेस के रामचंदर शर्मा 1980 व 1984 में दो बार विधायक बने। 1989 के चुनाव निर्दल उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे गंजी प्रसाद उन्हें मात देते हुए तीसरी बार विधायक बने। इसके बाद यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। भाजपा के छब्बू पटेल ने 1991, 1993 व 9196 में लगातार तीन बार जीत दर्ज कर अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवाया था। इसके बाद सपा ने यहां जीत का परचम लहराया। तीन बार विधायक रहे गंजी प्रसाद के पुत्र रामकिशुन यादव ने 2002 व 2007 में जीत हासिल कर विधायक बने थे।
एक बार बसपा के खाते में गई सीट
2012 में बसपा से टिकट पर उतरे बब्बन चौहान ने सपा से यह सीट छीन ली। समाजवादी पार्टी के बाबूलाल को 15,440 वोटों के अंतर से हराया था। बब्बन चौहान को 59,083 और बाबूलाल को 43,643 वोट मिले थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार ने दोबारा कब्जा जमाया। भारतीय जनता पार्टी की साधना सिंह ने सपा के बाबूलाल यादव को हराकर लंबे समय बाद भाजपा का परचम लहराया। साधना सिंह को कुल 87,401 वोट मिले। वहीं बालूलाल 74,158 वोट मिले थे।
यादव व मुस्लिम मतदाताओं की बाहुल्यता
मुगलसराय विधानसभा में 3,94,795 मतदाता हैं। इसमें यादव और मुस्लिम मतदाताओं की बाहुल्यता है। सबसे अधिक यादव मतदाता हैं। इसके बाद मुस्लिम, राजपूत, वैश्य, खटिक, ब्राह्मण आदि जातियों के मतदाता हैं। प्रत्याशियों की जीत-हार में यादव, मुस्लिम व वैश्य मतदाता हमेशा निर्णायक साबित होते रहे हैं।