
वाराणसी। ओवरलोडिंग चालान से बचने के लिए डाफी टोल प्लाजा पर फर्जी नंबर प्लेट और फर्जी फास्टैग का खेल तेजी से चल रहा है। अब ओवरलोडिंग के इस खेल में फर्जी नंबर प्लेट लगाने वालों के शिकार हो रहे कार और कुछ ट्रक मालिक। ऐसा ही मामला मूलरूप से कौलाहर, मथुरा के रहने वाले प्रेमपाल के साथ हुआ है जिन्होंने लंका थाने में फर्जी मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रेमपाल का कहना है कि इनका एलपीजी (इंडेन) गैस टैंकर गुजरात से अलीगढ़ चलता है। गाड़ी का नंबर यूपी 70 एफटी 9131 है। 16 जनवरी को इसी गाड़ी का चालान परिवहन विभाग द्वारा डाफी टोल प्लाजा में कर दिया गया, जबकि उस दिन गाड़ी मुद्रा अदाणी कोट गुजरात में थी।
प्रेमपाल का आरोप है कि हमारी गाड़ी का नंबर लगाकर कोई फर्जी तरीके से वाराणसी में चला रहा है, जिसने आइडीएफसी बैंक से फास्टैग ले रखा है। उसका नाम कार्तिक है। प्रेमपाल ने बताया कि हमारी सभी गाड़ियों पर आइसीआइसीआइ बैंक का फास्टैग लगा है। प्रेमपाल के अनुसार उनकी 10 गाड़ियां हैं, जिसमें जीपीएस भी लगा है। उन्होंने अपनी सभी गाड़ियों की लिस्ट के साथ ही जीपीएस और माल की बिल्टी भी पुलिस को दी है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। टोल प्लाजा हेड मनीष कुमार ने बताया कि आइडीएफसी बैंक द्वारा बनाए जा रहे फास्टैग से सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा चल रहा है। गिट्टी बालू लेकर चल रही गाड़ियों के मालिक बाहरी गाड़ियों का नंबर प्लेट बनाकर उसी नंबर का फास्टैग लेकर फर्जी रूप से चला रहे हैं। इस तरह के मामले को लेकर डाफी टोल प्लाजा पर अक्सर विवाद होता रहता है।