
वाराणसी। वातावरण में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अभी तक बना हुआ है। अरब सागर यानी दक्षिण पश्चिम की ओर से आर्द्रता लिए चल रही हवा और स्थानीय पुरवा की टकराहट से दोपहर बाद फिर बादल घने हो सकते हैं। धूल भरी आंधी और कहीं बूंदाबांदी तो कहीं झमाझम वर्षा भी गरज, चमक के साथ हो सकती है।
बीते दो दिनों में हुई 31.3 मिमी वर्षा के बाद अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया, जबकि न्यूनतम तापमान अपने सामान्य स्तर पर बना रहा। इससे वातावरण में गर्मी की जगह सिरहन ने लेली। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि फिलहाल मंगलवार को भी मौसम का प्रभाव ऐसा ही बना रह सकता है।
बुधवार को कुछ बदलाव होगा लेकिन गुरुवार या शुक्रवार तक फिर एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंच कर ऐसे ही वातवरण उत्पन्न कर सकता है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एनएन पांडेय बताते हैं कि वाराणसी क्षेत्र के ऊपर ही थोड़ी पश्चिम एक द्रोणिका भी इस समय बनी हुई है, इसकी वजह से वर्षा का यह क्रम रुक रुक कर जारी रह सकता है।