
चंदौली। योगी सरकार की जीरो टालरेंस नीति का सिंचाई विभाग मखौल उड़ा रहा है। यहां भ्रष्टाचार की जड़ें कायदे से फल-फूल रही हैं। ठेकेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर भारी पड़ रहे हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला विभाग के अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा प्रखंड कार्यालय से सामने आया है। यहां मेसर्स आदि शक्ति कंस्ट्रक्शन जलखोर नाम से ए श्रेणी की फर्जी फर्म बनाकर ठेकेदार न सिर्फ काम करा रहा था बल्कि लाखों का भुगतान भी करा चुका है। कार्यालय मुख्य अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग की ओर से इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है।
फर्जी फर्म पर लाखों का भुगतान
मेसर्स आदि शक्ति कंस्ट्रक्शन जलखोर के नाम से ए श्रेणी की फर्जी फर्म बनाकर इसपर कार्य कराया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद विभाग ने सत्यापक कराया तो इसकी पोल खुली। कार्यालय मुख्य अभियंता सोन की ओर से स्प्ष्ट कर दिया गया है कि इस नाम से कोई भी पंजीकरण कार्यालय की ओर से निर्गत नहीं किया गया है। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद विभाग में भी खलबली मची हुई है। लेकिन रसूख के चलते विभागीय अधिकारी ठेकेदार पर सीधे हाथ डालने से कतरा रहे हैं। सूत्रों की माने तो यह फर्म ठेकेदार संघ के अध्यक्ष गिरिजेश सिंह के नाम पर पंजीकृत है।
ठेकेदारों के सिंडिकेट से सिंचाई विभाग के कर्मचारी त्रस्त
सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि रसूखदार ठेकेदारों पर हाथ डालने से अधिकारी भी कतरा रहे हैं। जबकि कर्मचारी ठेकेदारों से त्रस्त आ चुके हैं। महकमे में आक्रोश पनप रहा है। सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक और कैशियर का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ ठेकेदार गिरोह बनाकर कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं। मनमाफिक काम नहीं करने पर ट्रांसफर कराने की धमकी देते हैं। कर्मचारियों का काम करना मुश्किल हो गया है। ठेकेदारों के इसी गिरोह द्वारा बनवाई गई खराब सड़क की जांच के लिए मुगलसराय विधायक साधना सिंह ने संबंधित विभाग को पत्र लिखा था। इसके बाद कार्रवाई की तरवार लटकती देख ठेकेदारों ने दोबारा सड़क की मरम्मत करवाई।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
एक्सईएन सर्वेशचंद्र सिन्हा का कहना है कि फर्म की पूरी जांच कराई जाएगी। फर्जीवाड़ा सामने आने पर ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।