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ऐसे कैसे पूरी होगी सरकार की मंशा, सामुदायिक शौचालय में लटक रहा ताला, लाखों खर्च के बाद भी गांव में गंदगी का बोलबाला

REPORTER: तरुण भार्गव

चंदौली। सरकार गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करा रही है। हालांकि लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। चकिया ब्लाक के इमिलिया गांव में बना सामुदायिक शौचालय शोपीस बना हुआ है। निर्माण के बाद से ही सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है। इससे गांव में गंदगी का बोलबाला है। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

गांवों में लाखों रुपये खर्च कर सामुदायिक शौचालय बनवाए जा रहे हैं। ताकि जिनके घरों में शौचालय नहीं, उन्हें खुल में न जाना पड़े। इसी उद्देश्य से इमिलिया गांव में भी सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। हालांकि निर्माण के बाद से ही सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय सिर्फ दिखावे के लिए बनवाया गया है। इसके उपयोग के लिए ताला नहीं खोला गया। इससे लोग खुले में शौच करने के लिए विवश हैं। ग्रामीण बल्ली, पिंटू, शिवपूजन कुमार ने बताया कि अगर शौचालय शुरू हो जाता है, तो इससे काफी सहूलियत हो जाती।

स्वयं सहायता समूहों को देखरेख की जिम्मेदारी
गांवों में बनने वाले सामुदायिक शौचालयों की देखरेख व संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी जा रही है। महिलाओं को शौचालय की सफाई व अन्य इंतजामों के लिए बाकायदा ग्राम पंचायत की ओर से मानदेय व खर्च देने का भी प्रविधान है। ताकि शौचालय गंदगी व बदहाली की वजह से निष्प्रयोज्य न होने पाएं।

क्या कहते हैं ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान का कहना है कि शौचालय पर अभी तक टंकी नहीं लगी है। टंकी लगने के बाद शौचालय खोल दिया जाएगा।

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