
तरुण भार्गव
चंदौली। नौगढ़ तथा सोनभद्र सहित पूर्वांचल के कई जिलों में गैर सरकारी जीवन आशा फाउंडेशन नामक संस्था की ओर से नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी और गरीब आदिवासियों के धर्मांतरण के मामले में शिकायत के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। जबकि इसमें गैर सरकारी संस्था के अधिकारियों सहित शिक्षा विभाग व पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारियों का नाम सामने आ रहा है। प्रशासन भी मामले की लीपापोती में जुटा है।
संस्था पर आरोप है कि डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, टीचरों की नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों से मोटी रकम वसूल की गई है। साथ ही क्षेत्र के गरीब आदिवासियों को प्रलोभन देकर ईसाई बनाया जा रहा है। सोनभद्र में इसी मामले में एक अध्यापक समेत कई लोगों पर धोखाधड़ी समेत संगीन धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। लेकिन जिले में अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे। शिकायतकर्ता ने नौगढ़ पुलिस की मिलीभगत के संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत चंदौली के पुलिस अधीक्षक से कार्यवाही के संबंध में जवाब मांगा है। अब देखना यह है कि इस संगीन मामले पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।