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अपनी ही करनी की सजा भुगत रही सैयदराजा पुलिस, अवैध बालू के खेल में जल गया हाथ

चंदौली। सैयदराजा थाने को यूं ही मलाईदार नहीं कहा जाता। यूपी-बिहार बार्डर का थाना होने के चलते यहां अवैध कमाई के बेहिसाब तौर तरीके हैं जो भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को ललचाते रहते हैं। यहां पोस्टिंग पाने के लिए तगड़े जुगाड़ का होना जरूरी है। यह चर्चा आज इसलिए क्योंकि मनराजपुर गांव में गैंगेस्टर को पकड़ने गई पुलिस हत्यारी बनकर वापस लौटी।

अपनी करनी की सजा भुगत रही पुलिस
नौबतपुर चेक पोस्ट बंद होने के बाद बिहार जाने वाली अवैध शराब और बिहार से आने वाली बालू पुलिस की अवैध कमाई का बड़ा जरिया बन गए। मनराजपुर का गैंगेस्टर कन्हैया यादव इकलौता कारोबारी नहीं है जो बालू का अवैध कारोबार करता है। सैयदराजा और नौबतपुर के आस-पास दर्जनों ऐसे स्थान हैं जहां से बालू की अवैध खरीद-फरोख्त होती है। सब इसलिए फलफूल रहे हैं क्यों कि कुछ पर सत्ता पक्ष के नेताओं का हाथ है और कुछ पुलिस को समय पर चढ़ावा चढ़ाते रहते हैं। यही वजह है कि भूंसे से ढेर से सुई ढूंढ निकालने वाली पुलिस को दिन-रात बालू लादकर फर्राटा भरने वाले बोगा ट्रैक्टर नजर नहीं आते। खैर छोड़िए वापस लौटते हैं मनराजपुर के गैंगेस्टर कन्हैया यादव की ओर। मनबढ़ किस्म का कन्हैया पुलिस और खनन विभाग को चढ़ावा चढ़ाने में अनाकानी करता था। खुद कन्हैया भी आन कैमरा यह आरोप लगा चुका है कि पुलिस प्रतिमाह 10 हजार रुपये की डिमांड करती थी, जो उसके लिए देना संभव नहीं था। यही वजह है कि पुलिस भी हाथ धोकर उसके पीछे पड़ गई थी। जबकि कन्हैया के घर के आस-पास ही कई लोग बालू का अवैध भंडारण करते हैं। लेकिन उनके सिर पर पुलिस का हाथ बना रहता है। बहरहाल अवैध कारोबार को संरक्षण देना खुद पुलिस के लिए घातक बन गया।

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