
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दो हॉस्टलों के बीच बवाल की आग बुझी नहीं कि दोबारा से एक बड़ी घटना सामने आ गई। बीएचयू स्थित बिड़ला सी के छात्रों ने सर सुंदरलाल अस्पताल में गैस्ट्रो ओपीडी में ड्यूटी कर रहे कई मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट की। छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने पहले दबंगई दिखाते हुए बाउंसरों को धक्का दिया उसके बाद अंदर घुस कर सभी वार्ड ब्वाय और डॉक्टरों की जमकर पिटाई की। इस घटना से क्षुब्ध होकर कारीब 150 वार्ड ब्वाय और मेडिकल स्टाफ ने बीएचयू के मुख्य द्वार को बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था।
गेट बंद होते ही पुलिस फोर्स गेट पर हालात को काबू करने में जुट गई। दो दर्जन से अधिक पुलिस वालों के समझाने के बाद छात्रों को गिरफ्तार करने की तहरीर लंका थाने में दी गई है। वही विरोध प्रदर्शन के कारण बीएचयू मुख्य द्वार के साथ ही दोनों मिनी गेट बंद हो जाने से मरीजों, छात्रों, प्रोफेसरों और आसपास के लोगों का आवागमन बाधित हो गया। केवल एंबुलेंस को ही आने जाने दिया जा रहा था। प्रदर्शनकारियों में कुछ लोग बाहर से भी थे। जिन्होंने मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। एक मेडिकल स्टाफ राकेश पांडेय ने बताया कि वह अपने ससुर को दिखाने गया था। वहां 5-6 छात्रों ने आकर हमारे भाई को धक्का मारा। मारने के बाद हाथापाई हुआ। उसके बाद उन छात्रों ने हॉस्टल से कई दोस्तों को बुलाया और पिस्टल सटाकर चौन भी खींची। यह सब आए दिन बीएचयू में हो रहा है। हॉस्टल में फर्जीगिरी करके अवैध छात्र रहते हैं। लेकिन प्रॉक्टोरियल बोर्ड उन्हें बचाने में लगा हुआ है। इन्होंने बताया कि इन छात्रों को चीफ प्रॉक्टर ऑफिस के अंदर रखा गया है। मगर मेडिकल स्टाफ को घुसने नहीं दिया जा रहा है।इस तरह मारपीट के बाद कैंपस की स्थिति अब बेहद नाजुक हो गई है। अब कभी भी वाराणसी पुलिस बिड़ला सी को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए एक्शन ले सकती है। उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का ही इंतजार है। बिड़ला सी में अभी भी 50 कमरों में अवैध छात्र रह रहे हैं।