
चंदौली। समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में ब्राह्मण प्रत्याशियों से तकरीबन किनारा कर लिया है। जबकि पार्टी जिलाध्यक्ष की ओर से जारी जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों की सूची में मात्र दो राजपूत उम्मीदवारों के नाम ही शामिल हैं। पिछड़ा, अनुसूचित और मुस्लिम वर्ग के प्रत्याशियों पर पार्टी ने भरोसा जताया है। हालांकि टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल ब्राह्मण और राजपूत वर्ग के प्रत्याशियों ने बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के संकेत देकर पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी है। कई कार्यकर्ता पार्टी के इस निर्णय के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
भाजपा और बसपा के बाद सपा ने भी शनिवार को जिला पंचायत सदस्य पद के लिए समर्थित उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। भाजपा और बसपा ने उम्मीदवारों की घोषणा में जहां जाति समीकरण साधने की भरपूर कोशिश की वहीं सपा ब्राह्मण और राजपूत वर्ग से किनारा करती नजर आ रही है। हालांकि 35 पद के सापेक्ष अभी 31 पदों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। लेकिन इस सूची में एक भी ब्राह्मण उम्मीदवार शामिल नहीं है। अनारक्षित सीट पर भी पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को उतारा गया है। जबकि चंदौली ब्लाक के सेक्टर नंबर दो से तीन दफा जिला पंचायत सदस्य रह चुके वरिष्ठ सपा नेता अशोक त्रिपाठी ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी। वहीं बरहनी सेक्टर नंबर दो से पुराने कार्यकर्ता संतोष उपाध्याय भी अपनी माता के लिए टिकट मांग रहे हैं। हालांकि इस सीट पर अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि अशोक त्रिपाठी ने टिकट नहीं मिलने पर भी चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। जबकि सपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता सपा जिलाध्यक्ष के इस फैसले को गलत ठहरा रहे हैं। इस निर्णय पर सपा जिलाध्यक्ष का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन सूची जारी होने के बाद से ही उनका मोबाइल नंबर बंद बता रहा है।