fbpx
चंदौलीराजनीतिराज्य/जिला

मुगलसराय विधान सभा में दोबारा जीत दर्ज करना बीजेपी के लिए चुनौती, आंकड़े दे रहे गवाही, गिर रहा ग्राफ

चंदौली। 380 मुगलसराय विधान सभा में दोबारा जीत दर्ज करना बीजेपी के लिए चुनौती से कम नहीं है। जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनावों के आंकड़े इस बात की बखूबी गवाही दे रहे हैं। क्षेत्र में भाजपा की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा है। जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में बदलाव की मांग भी अब जोर पकड़ने लगी है। बीजेपी से टिकट के एक दर्जन दावेदार सामने आ चुके हैं।

380 मुगलसराय विधान सभा का इतिहास
मुगलसराय विधान सभा 1957 में अस्तित्व में आई। इसके पहले यह चंदौली रामनगर के नाम से जानी जाती थी। कांग्रेस से श्यामलाल यादव पहले विधायक बने। हालांकि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी का दबदबा रहा है। लेकिन बीच-बीच में सपा और बसपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर समीकरण बदले हैं। 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा की साधना सिंह को 87401 वोट मिले लेकिन सपा के बाबूलाल भी 74158 वोट पाने में कामयाब रहे। इसके बाद क्षेत्र में बीजेपी का ग्राम गिरता ही चला गया। हालिया पंचायत चुनाव में जनता ने बीजेपी को असल तस्वीर दिखा दी। जिला पंचायत के नौ सेक्टरों में से पार्टी केवल एक पर ही जीत दर्ज कर सकी। नियामताबाद के सभी छह सेक्टरों में पार्टी प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। जबकि सदर ब्लाक के तीन सेक्टरों में महज सेक्टर नंबर एक में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी दिलीप सोनकर चुनाव जीते। इसके बाद बारी ब्लाक प्रमुख चुनाव की आई। जिसमें नियामताबाद ब्लाक की सीट बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल के खाते में चली गई। बीजेपी और अपना दल के कार्यकर्ता मिलकर भी पार्टी उम्मीदवार को जीत नहीं दिला सके और सपा प्रत्याशी नेे एकतरफा जीत दर्ज की।

मतदाताओं की संख्या और जातिगत आंकड़े
वर्तमान में मुगलसराय विधान सभा में मतदाताओं की संख्या 389872 है। इसमें पुरुष मतदाता 211193 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 178618 है। 61 ट्रांसजेंडर मतदाता है। जातिगत आंकड़ों की बात करें तो विधान सभा में सर्वाधिक 45 हजार मुस्लिम मतदाता हैं तो यादव मतदाओं की संख्या भी 40 हजार है। इसके अतिरिक्त क्षत्रिय मतदाता 35 हजार और ब्राह्मण 29 हजार हैं। वैश्य 30 हजार, बिंद और चौहान 25-25 हजार, बियार 20 हजार, पटेल 15 हजार और राजभर मतदाता नौ हजार है। शेष खटिक, लोहार, सिख मतदाता हैं। बीजेपी के हालिया ग्राफ को देखते हुए ही यहां टिकट में बदलाव की मांग चल रही है।

Back to top button