चंदौली। श्रीमद्भागवत कथा की संगीतमय स्वरलहरियों से सदर ब्लाक के गहिरी गांव का जन-जन आह्लादित है। काशी के कथा व्यास ज्योतिषाचार्य जायंतुजय महाराज ने कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया। कथा के मध्य संतोष, प्रमोद ने भजन प्रस्तुत कर समूचे पंडाल को झूमने पर विवश कर दिया।
श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा करते हुए व्यास जी ने कहा कि जब भगवान का कारागार में जन्म हुआ तो सब पहरेदार सम्मोहन में आ गए। वासुदेव की बेड़ी खुल गई। तब देवकी के परामर्श अनुसार बालक को टोकरी में रखकर यमुना पार कर गोकुल में नंदग्राम में कन्या से बदल आए। उस समय यमुना पूरे उफान पर थी। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के पैर का स्पर्श होते ही वह शांत हो गई। नंद घर 75 वर्ष बाद बालक हुआ था तो नंदग्राम में खुशियां मनाई र्गइं। उधर कंस को सूचना मिली कि देवकी को आठवां बालक हुआ है तो उसने देवकी से कन्या को छीनकर पत्थर पर पटकना चाहा। लेकिन वह आकाश मार्ग से स्वर्गारोहण कर गई। कंस को बता दिया कि तुझे मारने वाला ब्रज मंडल में अवतरित हो गया है। कथा व्यास ने अनेक सुंदर प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सभी अपने परिवारों को सुधारे तो पूरा भारत देश सुंदर हो जाएगा। इस दौरान राम प्रकाश उपाध्याय, जय प्रकाश उपाध्याय, राम दर्शन यादव, कमलापति पांडेय, रामनिवास पाठक, संतोष तिवारी, रामाधार गुप्ता, अवधेश पाठक, अनिल पांडे, उमाकांत पांडे, बहादुर यादव, अरविंद पांडे, प्रदीप पांडे, हरिहर विश्वकर्मा, विनोद पांडे आदि मौजूद रहे। डॉक्टर महेंद्र नारायण पांडे और डॉक्टर केएन पांडे ने सभी भक्तजनों और व्यास मंच का आभार व्यक्त किया।