नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी मां की पूजा आराधना की जाती है। मां के भक्त इन दिनों पूरे नौ दिनों का व्रत रखते हैं। इन दिनों देश भर में शारदीय नवरात्रि का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह देवी मां के पंडाल सज गए हैं। वहीं देवी मां के भक्त मंदिरों में जाकर उनका जयकारा लगा रहे हैं। देवी मां के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाले भक्त नवरात्रि के पर्व में पूरे नौ दिनों का व्रत भी रखते हैं। कुछ देवी भक्त पहले और आखिरी दिन भी नवरात्रि का व्रत रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों तक उपवास रखने के पीछे कई मान्यताएं एवं लाभ हैं। आज हम आपको बताएंगे की नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखने से क्या लाभ मिलते हैं।
नवरात्रि के नौ दिनों का उपवास और उसके लाभ
नवरात्रि के पूरे नौ दिनों का उपवास रखने से मां देवी अपने प्रिए भक्तों से शीघ्र प्रसन्न होती हैं और उन्हें सुख- समृद्धी का आशीर्वाद देती हैं।
नवरात्रि का उपवास रखने वाले लोग पूरे नौ दिनों तक फलाहार चीजों का सेवन करते हैं, जो पूर्ण रूप से सात्विक भोजन की श्रेणी में आता है जिससे तन, मन और आत्मा शुद्ध हो जाती है।
देवी मां तो स्वयं जगद्धात्री हैं और नवरात्र के दिनों जो भी भक्त पूरे नौ दिनों तक देवी मां के प्रति व्रत का अनुष्टान विधि पूर्वक करता है। उसके सारे संकट माता रानी हर लेती हैं और सदैव उसकी रक्षा करती हैं।
नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक व्रत रखने से मानसिक शांति प्राप्त होने के कारण जीवन में आध्यात्मिक उत्पत्ति होती है और जीवन में साकारात्मकता आती है, जो सभी प्रकार के दुखों को पार करने में सक्षम है।
जिस प्रकार देवी मां ने सृष्टि के उद्धार के लिए एवं लोक कल्याण के लिए धूमरलोचन असुर,सिंह-निशुंभ असुर, महिषासुर समेत अन्य असुरों का वध किया था। उसी प्रकार विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों उपवास रखने वाले भक्तों की देवी मां शत्रुओं से उनकी सदैव रक्षा करती हैं।
देवी मां के नौ रूप, नौ व्रत
मां शैलपुत्री – नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है और इस दिन पहला व्रत रखा जाता है।
ब्रह्मचारिणी – मां ब्रह्मचारिणी देवी मां का दूसरा स्वरूप है। नवरात्रि के व्रत रखने का यह दूसरा दिन होता है।
चंद्रघंटा – नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। देवी भक्त इस दिन अपने तीसरे व्रत का अनुष्ठान करते हैं।
कूष्मांडा – देवी मां का चौथा स्वरूप हैं मां कूष्मांडा। नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है और इस दिन पांचवा व्रत रखने का विधान है।
स्कंदमाता – स्कंदमाता को नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा जाता है और इस दिन पांचवा व्रत रखा जाता है।
कात्यायनी – नवरात्रि के छठे दिन देवी भक्त मां कात्यायनी की पूजा करते हैं और इस दिन छठा व्रत रखा जाता है।
कालरात्रि – नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। इस दिन नवरात्रि का सातवां व्रत रखा जाता है।
महागौरी – नवरात्रि के आठवे दिन मां महागैरी का व्रत रखा जाता है।
सिद्धिदात्री – नवरात्रि का अंतिम और नवमां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है और यह व्रत नवरात्रि का अंतिम व्रत होता है।