वाराणसी। संत रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर में लंगर हॉल के सामने की जमीन पर संग्रहालय निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेज दिया गया है। संत के जीवन और दर्शन पर आधारित संग्रहालय में पांच बड़ी गैलरी होगी। संग्रहालय में 15वीं व 16वीं शताब्दी के दौरान होने वाले बदलाव के साथ ही संत शिरोमणि की आध्यात्मिक विरासत को संजोया जाएगा।
संत रविदास के जीवन से रूबरू कराएगा म्यूजियम
4 हजार वर्ग मीटर में बनने वाले संग्रहालय में संत रविदास की संपूर्ण जीवन यात्रा को जीवंत किया जाएगा। 24 करोड़ से सीरगोवर्धनपुर में भव्य और आधुनिक सुविधाओं से युक्त संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा। संग्रहालय संत रविदास की विरासत, जीवन, शिक्षा और रचनाओं से श्रद्धालुओं को रूबरू कराएगा।
ग्राफिक्स, ऑडियो-वीडियो से होगा प्रेजेन्टेशन
संग्रहालय में भक्ति आंदोलन के उनके योगदान के बारे में जानकारी संजोई जाएंगी। रैदास द्वारा दी गई शिक्षा, उपदेश और रचना के बारे में गैलरी में विशेष स्थान दिया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी भी उनके विचारों को जान सके। ग्राफ़िक्स व ऑडियो वीडियो के माध्यम से उनके साहित्यिक संकलन को दर्शाया जाएगा।
बैठने का भी होगा इंतजाम
संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि डिजिटल चित्र और चलचित्र के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश के अलावा उनके गृहस्थ जीवन की जानकारी भी संग्रहालय में रहेगी। संत रैदास की शिक्षा, उपदेश और रचनाओं को गैलरी में एक अलग स्थान दिया जाएगा। कैफेटेरिया, सोविनियर शॉप के साथ ही श्रद्धालुओं के बैठने के भी इंतजाम किए जाएंगे। शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। वहां से स्वीकृति मिलते ही कार्य भी शुरू हो जाएगा।