
चंदौली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चंदौली के काला चावल के कद्रदान हैं। उन्होंने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में काला चावल का उल्लेख किया। इसे वोकल फार लोकल की ताकत बताया। इसके निर्यात के बारे में चर्चा की। किसानों की लीक से हटकर की गई पहल की सराहना की। पीएम की तारीफ के बाद काला चावल फिर चर्चा में आ गया है। वहीं किसानों का भी हौसला बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों ने चंदौली काला चावल को अपना उत्पाद बनाया। इसके निर्यात के बारे में चर्चा की। दरअसल, कृषि प्रधान जनपद के किसानों ने लीक से हटकर कुछ करने की ललक दिखाई। औषधीय गुणों की खेती से भरपूर इस प्रजाति की खेती कर आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रहे हैं। जिले में लगभग एक हजार किसानों ने 500 हेक्टेयर में काला चावल की खेती की है। देश की नामी श्रीलाल महल कंपनी ने किसानों का उत्पाद खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी ने 20 टन अनाज खरीदा है। किसानों को लागत की तुलना में लगभग चार गुना अधिक यानी ६० रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया है।
औषधीय गुणों से भरपूर है काला चावल
चंदौली का काला चावल औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें एंथ्रोसाइनिन पाए जाने से इसका रंग काला होता है। राइस रिसर्च इंस्टीच्यूट समेत कऋि उत्पादों पर रिसर्च करने वाले अन्य संस्थानों ने चावल में विटामिन ई, कैल्शियम, मैग्नीशियम की पुष्टि की है। डायबिटीज, अल्जाइमर, हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर है। उद्योग उपायुक्त गौरव मिश्रा की ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर पूरा फोकस किया जा रहा है। इसका लाभ किसानों को मिल रहा है।
अमेजन व फ्लिपकार्ट पर बिक रहा काला चावल
चंदौली का काला चावल एक जनपद एक उत्पाद के रूप में शामिल है। इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग का प्रयास किया जा रहा है। चंदौली काला चावल कृषक समिति व उद्यम प्रोत्साहन केंद्र ने काला चावल की आनलाइन बिक्री की योजना बनाई है। इसके लिए दुनिया की नामी आनलाइन शापिंग कंपनी अमेजन व फ्लिपकार्ट पर पंजीकरण कराया गया है। वहीं ओडीओपी मार्ट पर भी यह उत्पाद उपलब्ध है। लोग घर बैठे इसकी बुकिंग कर खरीद सकते हैं।