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संस्कृति एवं ज्योतिष

Pitru Kavach: पितृ पक्ष के अंतिम दिन जरूर करें पितृ कवच का पाठ, मिलेगा लाभ

पंचांग में बताया गया है कि पितृ पक्ष के अंतिम दिन को सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या व्रत 14 अक्टूबर 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या के दिन स्नान-दान और तर्पण इत्यादि कर्म करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। बता दें कि सर्व पितृ अमावस्या तिथि का एक महत्व यह भी है कि जिन लोगों को अपने पितरों के मृत्यु की तिथि याद नहीं है, वह इस इस दिन तर्पण, पिंडदान इत्यादि कर्म कर सकते हैं। ऐसा करने से सभी पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है. साथ ही इस विशेष दिन पर पितृ कवच का पाठ करने से भी व्यक्ति को लाभ मिलता है।

पितृ कवच
कृणुष्व पाजः प्रसितिम् न पृथ्वीम् याही राजेव अमवान् इभेन।
तृष्वीम् अनु प्रसितिम् द्रूणानो अस्ता असि विध्य रक्षसः तपिष्ठैः॥

तव भ्रमासऽ आशुया पतन्त्यनु स्पृश धृषता शोशुचानः।
तपूंष्यग्ने जुह्वा पतंगान् सन्दितो विसृज विष्व-गुल्काः॥

प्रति स्पशो विसृज तूर्णितमो भवा पायु-र्विशोऽ अस्या अदब्धः।
यो ना दूरेऽ अघशंसो योऽ अन्त्यग्ने माकिष्टे व्यथिरा दधर्षीत्॥

उदग्ने तिष्ठ प्रत्या-तनुष्व न्यमित्रान् ऽओषतात् तिग्महेते।
यो नोऽ अरातिम् समिधान चक्रे नीचा तं धक्ष्यत सं न शुष्कम्॥

ऊर्ध्वो भव प्रति विध्याधि अस्मत् आविः कृणुष्व दैव्यान्यग्ने।
अव स्थिरा तनुहि यातु-जूनाम् जामिम् अजामिम् प्रमृणीहि शत्रून्॥

पितृ कवच पाठ का लाभ
शास्त्रों में यह विदित है कि पितृ कवच का पाठ करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पितृ पक्ष में प्रत्येक दिन इस कवच का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इसके साथ श्राद्ध पक्ष, पूर्णिमा और अमावस्या तिथि के दिन इस कवच का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही कुंडली में मौजूद पितृ दोष के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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