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क्राइमचंदौली

पीडीडीयू नगर भाई-बहन खुदकुशी की घटना :  पुलिस की तफ्तीश में यह वजह आई सामने, जानिये दोनों ने क्या उठाया आत्मघाती कदम

बहन का हो चुका था तलाक, एक भाई है मंदबुद्धि माता-पिता की पहले ही हो चुकी थी मौत, परिस्थितियों से थे परेशान मौके से बरामद हुई डिप्रेशन की दवा, शवों से आ रही थी दुर्गंध

चंदौली, पीडीडीयू नगर, भाई-बहन सुसाइड
  • बहन का हो चुका था तलाक, एक भाई है मंदबुद्धि माता-पिता की पहले ही हो चुकी थी मौत, परिस्थितियों से थे परेशान मौके से बरामद हुई डिप्रेशन की दवा, शवों से आ रही थी दुर्गंध
  • बहन का हो चुका था तलाक, एक भाई है मंदबुद्धि
  • माता-पिता की पहले ही हो चुकी थी मौत, परिस्थितियों से थे परेशान
  • मौके से बरामद हुई डिप्रेशन की दवा, शवों से आ रही थी दुर्गंध

 

चंदौली। पीडीडीयू नगर स्थित जायसवाल स्कूल के पीछे निजी मकान में भाई-बहन के एक साथ खुदकुशी के मामले में पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में आत्महत्या के लिए पारिवारिक परिस्थिति सामने आई है। जिस बहन की डेड बाडी लटकती मिली, उसका तलाक हो चुका था। वहीं खुदकुशी करने वाला भाई भी काफी दिनों से बीमारी से परेशान था। एक भाई मंदबुद्धि है। ऐसे में पुलिस का मानना है कि परिवार की परिस्थिति से तंग आकर दोनों ने खुदकुशी का रास्ता अपनाया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

40 वर्षीय गुड़िया गुप्ता और 45 वर्षीय राजू गुप्ता अपने भाई के साथ जायसवाल स्कूल के पीछे निजी मकान में रहते थे। माता-पिता की तकरीबन 8 वर्ष पहले मौत हो चुकी थी। शुक्रवार की देर शाम भाई-बहन का शव मकान के ऊपरी कमरे में फांसी के फंदे से लटकता मिला। राजू गुप्ता और उसके भाई की शादी नहीं हुई थी, जबकि बहन गुड़िया की शादी के बाद तलाक भी हो चुका था। मृतक का भाई नीचे ही रहता था लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं हो पाई।

घटना की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे सीओ मुगलसराय अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया भाई-बहन के खुदकुशी का मामला लग रहा है। दूसरा भाई मंदबुद्धि है। खुदकुशी करने वाले राजू को कमर में फोड़ा जैसा हो गया था, उससे काफी परेशान था। उसका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था, इसकी दवा भी मिली है। बताया कि कमरे में ड्रम और सीढ़ी लगी हुई मिली। ऐसे में स्पष्ट है कि दोनों ने खुदकुशी की है। राजू रिश्तेदारों से भी बात करता था कि मंदबुद्धि भाई को दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराना है। बहन का इलाज कराना है। इससे जाहिर होता है कि वह पारिवारिक परिस्थितियों से काफी परेशान था।

 

 

 

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