
रिपोर्टः जय तिवारी
चंदौली। महड़ौरा गांव निवासी पंकज सिंह हत्याकांड की पृष्ठभूमि जानने के लिए पांच साल पीछे जाना होगा जहां से इन घटनाओं की नियति तय हुई। तब महड़ौरा गांव के मनोज यादव और पंकज सिंह गहरे दोस्त हुआ करते थे। दबंग छवि के मनोज यादव ने प्रधानी का चुनाव लड़ा और पंकज सिंह ने खुलकर उसका समर्थन किया। उस दौरान दोनों के बीच तय हुआ कि चुनाव जीतने के बाद मनोज यादव पंकज को गांव का कोटा दिलाने में मदद करेंगे।
प्रधानी चुनाव के बाद पड़ी दोस्ती में दरार
ग्राम पंचायत का चुनाव जीतने के बाद मनोज यादव वादे से पलटे तो दोनों की दोस्ती में दरार आ गई। कोटेदार के चयन में दोनों आमने सामने आ गए। सर्वसम्मति से कोटेदार का चयन नहीं होने पर ग्राम सभा की खुली बैठक में मतदान का निर्णय लिया गया। वर्मतान ग्राम प्रधान और मृतक पंकज सिंह की पत्नी संगीता सिंह तब ग्राम पंचायत की सदस्य थीं। कोटेदार के चयन के समय वह भी वोट देने पहुंचीं। वहीं मनोज यादव की नजर संगीता पर पड़ी और उसकी नीयत बदल गई। दबंग और मनबढ़ मनोज यादव संगीता पर बुरी नजर रखने लगा। यह बात पंकज को पता चली तो उसने मनोज से शिकायत की और पत्नी से दूर ही रहने को कहा। बताया जाता है कि यह बात मनोज को इस कदर नागवार गुजरी कि उसने पंकज की कनपटी पर असलहा सटाते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसी घटना के बाद दोनों की दोस्ती कट्टर दुश्मनी में बदल गई। अपने अपमान और मनोज यादव की हरकतों से परेशान पंकज सिंह इंतकाम की आग में जलने लगा।
बीते वर्ष नौ अप्रैल को हुई थी मनोज यादव की हत्या
महड़ौरा प्रधान मनोज यादव की बीते वर्ष नौ अप्रैल की शाम लाकडाउन के दौरान गोली मारी गई थी। 10 अप्रैल ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मनोज की मौत हो गई। भाड़े के शूटरों ने हत्याकांड को अंजाम दिया। उस समय पुलिस ने गांव के ही दो लोगों को हिरासत में लिया। लेकिन मनोज के परिजन पंकज सिंह सहित कुछ अन्य लोगों पर आरोप लगाते रहे। इसके बाद पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले शूटरों राहुल तिवारी सोनू सिंह को गिरफ्तार किया वहीं साजिशकर्ता के तौर पर पंकज सिंह, अमित सिंह, प्रदीप सिंह और मुस्तजाफ खान को जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार पंकज सिंह के रिश्तेदार प्रदीप सिंह ने ही शूटरों को सुपारी दी थी।
पंकज की मौत के साथ कहानी खत्म
पंकज सिंह पिछले मार्च महीने में ही जमानत पर छूटकर बाहर आया था। दोनों को नजदीक से जानने वाले यहां तक बताते हैं कि आज जहां पंकज सिंह की हत्या हुई उसी जगह पर मनोज यादव की हत्या का प्लान बनाया गया था। बहरहाल पंकज सिंह की हत्या के साथ दो दोस्तोें की दुश्मनी का किस्सा मौत के साथ खत्म हुआ और नई पारिवारिक दुश्मनी की नींव भी पड़ गई।