लखनऊ। पंचायत चुनाव का इंतजार कर रहे संभावित उम्मीदवारों के लिए निराशाजनक खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को झटका देते हुए आरक्षण सूची के अंतिम प्रकाशन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही 15 मार्च को राज्य को जवाब देने का आदेश दिया है। न्यायालय को लगता है कि आरक्षण उस तरीके से जारी नहीं किया गया जैसे होना चाहिए।
न्यायमूर्ति मनीष माथुर और ऋतुराज अवस्थी की अदालत की पीठ ने। अजय कुमार की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया है। न्यायालय के आदेश के बाद अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए शासन के अगले आदेश तक आरक्षण प्रक्रिया को अंतिम रूप न देने को कहा है। ऐसे में पंचायत चुनाव कुछ दिन के लिए टल सकते हैं। यही नहीं आरक्षण प्रक्रिया में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। शासन के इस निर्णय ने संभावित प्रत्याशियों की धुकधुकी बढ़ा दी है। चुनाव की तैयारियों में लगे लोग मायूस हैं। जबकि जिनके मनमुताबिक आरक्षण नहीं आया उन्हें फिर से उम्मीद जग गई है।
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