चंदौली। दोबारा सत्ता में वापसी की तैयारियों में जुटी बीजेपी की राह में शारदा प्रसाद जैसे विधायक रोड़ा बन सकते हैं। सत्ता का ऐसा दुरुपयोग कम ही देखने और सुनने को मिलता है। महज खबर प्रकाशित करने पर चकिया कोतवाली में दो पत्रकारों के खिलाफ एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज कराने वाले बीजेपी विधायक के खिलाफ पत्रकार संगठन ने आंदोलन तेज कर दिया है। चकिया और जिला मुख्यालय पर धरना देने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को पत्रक सौंपकर अपनी मंशा से अवगत कराया। चार सूत्री मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 28 अगस्त से बीजेपी दफ्तर के बाहर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
चंदौली से संचालित न्यूज पोर्टल ने चकिया क्षेत्र से खबर प्रकाशित की। भाजपा विधायक पर काम कराकर मजदूरों का भुगतान नहीं करने और एक गांव में गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिलाने का आरोप लगाया गया। खबर चलने के बाद भन्नाए विधायक ने अपने प्रतिनिधि के जरिए दो पत्रकारों कार्तिकेय पांडेय और रोहित तिवारी के खिलाफ चकिया कोतवाली में एससी/एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया। अमूमन ऐसे मामलों में विवेचना के नाम पर फरियादियों को दौड़ाने वाली पुलिस ने झट-पट मुकदमा दर्ज कर लिया और पत्रकार कार्तिकेय पांडेय का चालान कर दिया। महज 23 वर्ष का युवा पत्रकार विधायक के चलते आज सलाखों के पीछे है। घटना से आक्रोशित पत्रकार संगठनों ने चकिया और जिला मुख्यालय पर धरना दिया। चकिया में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को पत्रक सौंपा गया जबकि मुख्यालय पर एसडीएम ने धरनास्थल पर पहुंचकर पत्रक लिया। संगठन ने पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने, एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग की जांच कराने, विधायक द्वारा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने और विधायक के हाथ की कठपुतली बने चकिया कोतवाल को हटाने की मांग की। चेताया कि 27 अगस्त तक मांगों पर विचार नहीं हुआ तो अगले दिन यानी 28 अगस्त से संगठन बीजेपी दफ्तर के बाहर आमरण अनशन शुरू कर देगा।