
चंदौली। कार्यों में लापरवाही, अनियमितता के आरोप में ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ विभाग धड़ाधड़ कार्रवाई कर रहा है, लेकिन ग्राम पंचायतों के सचिवों के रिक्त पड़े पदों पर शीघ्र नई तैनाती नहीं हो रही। इससे गांवों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के रवैये से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
सदर व चहनियां ब्लाक के पांच गांवों में नहीं हैं सचिव
सदर व चहनियां ब्लाक के पांच गांवों में इस समय सेक्रेटरी नहीं हैं। गत दिनों औरवा, भूपौली गांव में विकास कार्यों में भारी अनियमितता मिली थी। इस पर सचिव केसरी कुमार यादव को डीपीआारओ ने निलंबित कर दिया। उनके स्थान पर अभी तक नई तैनाती नहीं की गई। इसकी वजह से गांवों में विकास कार्य नहीं हो पा रहे। इसके अलावा जिले की कई ग्राम पंचायतों में कमोवेश यही स्थिति है। ब्लाक पर जाने के बाद रौना, भूपौली, औरवा, रमदत्तपुर, पक्खोपुर के ग्रामीण मायूस लौट रहे हैं।
रौना गांव में सफाईकर्मी नदारद, बजबजा रही नालियां
रौना गांव में सफाई व्यवस्था बेपटरी है। यहां नालियां बजबजा रही हैं। वहीं गांव में गंदगी का बोलबाला है। इससे बारिश के मौसम में गांव में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीण इसके लिए ब्लाक प्रशासन व एडीओ पंचायत को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका आरोप है कि शिकायत के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे परेशानी बदस्तूर है। ग्रामीणों ने गांव में शीघ्र सफाई कराने की मांग की है।
प्रधान व सचिव के संयुक्त खाते से होता है भुगतान
ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए चौदहवें वित्त, राज्य वित्त के साथ अन्य मदों के जरिए धनराशि शासन स्तर से भेजी जाती है। इसके लिए ग्राम प्रधान व सचिव का संयुक्त बैंक खाता खोला जाता है। दोनों के हस्ताक्षर से ही धनराशि का भुगतान होता है। सचिव की गैरमौजूदगी की वजह से यह प्रक्रिया ठप हो जाती है। इससे विकास कार्यों पर विराम लग गया है।