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चंदौलीराज्य/जिलाहेल्थ

खुद बीमार हुआ चंदौली का मातृ एवं शिशु विंग, गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रहा समुचित इलाज, आठ माह से ठप है यह सुविधा

चंदौली। जिला अस्पताल परिसर में पीपीपी माडल पर संचालित मातृ एवं शिशु विंग सफेद हाथी बनकर रह गया है। यहां गर्भवती महिलाओ को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा। विगत आठ माह से अल्ट्रासाउंड कक्ष बंद पड़ा है। रेडियोलाजिस्ट नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को निजी जांच केंद्रों तक जाकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। महिलाओं की एक ही ओपीडी संचालित हो रही है। हालांकि डीएम ईशा दुहन ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने की बात कही है।

आठ माह से अल्ट्रासाउंड कक्ष बंद

गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को शासन की ओर से पीपीपी माडल पर संचालित मातृ एवं शिशु विंग का संचालन शुरू कराया गया। चंदौली जिला अस्पताल परिसर में भी करोड़ों की लागत से लकदक भवन तैयार कराकर अस्पताल का संचालन शुरू कराया गया। शुरू के कुछ महीने अस्पताल कायदे से संचालित हुए लेकिन धीरे-धीरे अस्पताल में दुर्व्यवस्थाएं पांव पसारने लगी। चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा। पिछले आठ माह से अस्पताल का अल्ट्रासाउंड कक्ष बंद पड़ा है। इस पूरे गड़बड़झाले के पीछे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की गंध भी आ रही है। सूत्रों की माने तो जितने कर्मचारियों के नाम पर सरकार से पैसा लिया जाता है उतने कर्मचारी अस्पताल में नहीं हैं।सीएमएस डा. केसी सिंह का कहना है कि रेडियोलाजिस्ट के बीमार होने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा। रेडियोलाजिस्ट मिल नहीं पा रहे। उच्चस्तर पर लगातार पत्राचार किया जा रहा है।

मामला बेहद गंभीर है। मैं खुद अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लूंगी। अस्पताल को पूरी क्षमता के साथ संचालित कराया जाएगा। ईशा दुहन, डीएम चंदौली

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