चंदौली। रावर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर इस बार सपा ने परचम लहराया। सपा प्रत्याशी को चकिया विधानसभा की जनता का भी भरपूर समर्थन मिला। इसकी बदौलत उन्होंने अपना दल की रिंकी कोल लगभग 80 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी। लोग रिंकी कोल की हार के पीछे जनता में नाराजगी को बड़ी वजह मान रहे हैं। उनके ससुर व पूर्व सांसद पकौड़ीलाल कोल का चकिया विधानसभा के प्रति उपेक्षात्मक रवैया और मंच से सरेआम सवर्णों के अपशब्द कहने से जनता में उनके प्रति नाराजगी थी। लोकसभा चुनाव में यह नाराजगी भारी पड़ी। हार के बाद पार्टी अब इसकी समीक्षा कर रही है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि रिंकी कोल के ससुर पकौड़ीलाल कोल रावर्ट्सगंज के सांसद रहे। अपने कार्यकाल के दौरान पांच साल में शायद ही कभी चकिया विधानसभा क्षेत्र में दिखाई पड़े हों। चकिया विधानसभा के प्रति उनके उपेक्षात्मक रवैये से लोगों में नाराजगी थी। वहीं एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पकौड़ीलाल कोल ब्राह्मण व राजपूतों के लिए अपशब्द कहते दिख रहे थे। यह वीडियो सामने आने के बाद लोगों की नाराजगी और बढ़ गई थी। इसके अलावा रिंकी कोल को टिकट मिलने की वजह से परिवार में असंतोष था। इन्हीं प्रमुख कारणों की वजह से इस बार अपना दल को यह सीट गंवानी पड़ी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या समेत कई बड़े नेताओं ने भी उनके पक्ष में जनसभा की थी, लेकिन इसका चुनाव में लाभ नहीं मिला।
दूसरी ओर सपा प्रत्याशी छोटेलाल खरवार को टिकट मिलने से खरवार बिरादरी का वोट बैंक सपा की तरफ शिफ्ट हो गया। इसका लाभ लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिला। रावर्ट्सगंज से जीत के बाद सपा कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। कार्यकर्ताओं ने चकिया स्थित गांधी पार्क चौराहे पर पटाखे फोड़कर व मिठाई बांटकर जश्न मनाया। इंडिया गठबंधन के नेता कार्यकर्ताओं ने इसे संविधान बचाने की लड़ाई की जीत और महंगाई बेरोजगारी के खिलाफ जनता के गुस्से का परिणाम बताया।