चंदौली। यह जानकर आपको भी ताज्जुब होगा कि एक ही राजस्व गांव के तीन प्रधान हैं। लेकिन विकास की किरण गांव में नहीं पहुंच सकी है यह बड़ी विडंबना है। जिस गांव की बात हो रही है वह है धानापुर ब्लाक का महराई गांव। तकरीबन 1200 मतदाताओं वाले इस गांव के तीन हिस्से तीन अलग-अलग ग्राम पंचायतों में आते हैं। शायद यही वहज है कि गांव का माकूल विकास नहीं हो पा रहा। यहां न तो बच्चों के पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल हैं ना ही दुरुस्त गलियां।
महराई गांव की आबादी तकरीबन ढाई हजार है। यहां तकरीबन सभी जातियां निवास करती हैं। गांव का एक हिस्सा प्रेमाश्रयपुर, एक धानापुर और एक रामपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत आता है। यानी गांव एक और प्रधान तीन। बावजूद इसके गांव का विकास नहीं हो पा रहा। यहां बच्चों के पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल तक नहीं हैं। गरीब वर्ग के छोटे बच्चे तीन किमी की दूरी तय करते स्कूल जाते हैं। यही नहीं गांव की गई गलियां बजबजा रही हैं। जलनिकासी की कोई सुविधा नहीं है। गांव के लक्ष्मण बिंद, अश्वनी तिवारी, लाल बिहारी, मोहन, गोरखनाथ, मुन्ना आदि का कहना है कि कई दफा अधिकारियों से शिकायत की गई। सुनवाई नहीं हो रही। गांव को अलग ग्राम पंचायत का दर्जा भी मिलना चाहिए।