चंदौली। चकिया एसडीएम कोर्ट के एक फैसले ने भूचाल ला दिया है। रिहायशी कालिका धाम कालोनी, प्राचीन मां काली मंदिर परिसर, सब्जी मंडी सहित 350 करोड़ की संपत्ति पर पूर्व काशी नरेश की जगह राज्य सरकार का नाम अंकित कर दिया जाएगा। जाहिर है कि पूरी कालोनी अवैध हो जाएगी और मंदिर का प्रबंधन सरकार अपने हाथ में ले लेगी। हालांकि कालोनी वासियों के पास एसडीएम के फैसले को चुनौती देने के लिए एक माह की मोहलत है।
कमिश्नर कोर्ट में फैसले को दे सकते हैं चुनौती
कालिका धाम कालोनी वासी और मंदिर प्रबंधन एक माह के भीतर एसडीएम के फैसले को कमिश्नर कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। वहां मामले की सुनवाई होगी। इसेे बाद की कार्यवाकी कमिश्नर के फैसले पर निर्भर करेगी। यदि कमिश्नर ने एसडीएम के फैसले को बरकरार रखा तो कालोनी के लोगों के लिए चुनौती बढ़ जाएगी। वहीं फैसले पर रोक लगती है तो राहत मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी। बकौल एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा जिसे फैसले पर आपत्ति है वह कमिश्नर के यहां अपील कर सकता है। यदि वहां से राहत नहीं मिलती है तो कालोनी में अवैध रूप से काबिज लोगों को बेदखल किया जाएगा और मंदिर का प्रबंधन भी सरकार अपने हाथ में ले लेगी कारण मंदिर परिसर सहित पूरी कालोनी अब सरकार की संपत्ति है।