चंदौली। पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, सिख, इसाई, बौद्ध व जैन शरणार्थियों को देश की नागरिकता देने के लिए सरकार ने नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) लागू किया है। सीएए के नाम पर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित कर माहौल खराब का प्रयास भी शुरू हो गया है। इसको लेकर शासन-प्रशासन सख्त हो गया है। अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की चेष्टा करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। इसको लेकर प्रशासन को एतहितायत बतरने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम् (सीएए) के विरुद्ध पूर्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा भारी हिंसा, सरकारी व गैर सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचायी गई थी। इस सम्बन्ध में शासन से स्पष्ट निर्देश प्राप्त हुए हैं। बताया कि शासन का निर्देश है कि धर्म गुरुओं के साथ संवाद तथा शान्ति समिति की बैठक कर ली जाए। सीएए के प्रति जागरूकता फैलायी जाय ताकि भ्रम की स्थिति न रहे। समय से नियमानुसार विरोधात्मक कार्यवाही की जाय। आन्दोलन अथवा प्रदर्शन का आह्वान, प्रोत्साहन अथवा समर्थन करने वालों के विरूद्ध अभिसूचना आकलन कर समय से नियमानुसार निरोधात्मक / सुसंगत विधिक कार्यवाही की जाय। प्रभावी अभिसूचना संकलन, बेहतर टीम वर्क, सतत् संवाद स्थापित करते हुए जन सहयोग से वैमनस्यता फैलाने वालों एवं उपद्रवियों के विरूद्ध यथोचित कार्यवाही की जाय। आवागमन के मुख्य मार्गों (नेशनल हाईवे / स्टेट हाईवे / रेलवे ट्रैक आदि) पर कड़ी निगरानी रखने हेतु समुचित पेट्रोलिंग व्यवस्था “की जाए साथ ही यू०पी0-112 के कर्मियों को समुचित ब्रीफ करते हुए उनका प्रभावी व्यवस्थापन किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में यात्रा/आवागमन के मार्ग बाधित न हों तथा जनसामान्य को कोई कठिनाई न हो। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत् महत्वपूर्ण स्थल मार्गों पर स्थापित सीसीटीडी कैमरों को क्रियाशील करना सुनिश्चित करते हुए सतत् निगरानी की जाय। असामाजिक तत्वों से जनजीवन एवं अन्य लोक सम्पत्ति को नुकसान हो सकता है तथा सामाजिक तनाव बढ़ने की प्रबल आशंका के दृष्टिगत् निरन्तर सावधानी बरती जाये। विधि विरूद्ध जमावड़े द्वारा सार्वजनिक व व्यक्तिगत् सम्पत्ति को क्षति पहुंचाये जाने पर इसके लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार सुसंगत् विधिक कार्यवाही व क्षतिपूर्ति वसूली की नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। बच्चों व किशोरों को भ्रमित कर हिंसक प्रदर्शन में सम्मिलित कराने वालों के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जाय। प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों द्वारा पत्थरबाजी, आगजनी, तोड़फोड़, फायरिंग आदि किये जाने की सम्भावना के दृष्टिगत् ऐसे स्थानों को चिन्हित कर समुचित उपकरणों से सुसज्जित पुलिस बल की ड्यूटी लगायी जाय।