गाजीपुर। पंचायत आरक्षण जारी होने के बाद राजनीति के कई रंग देखने कोे मिल रहे हैं। आरक्षण ने किसी संभावित उम्मीदवार के सपनों को पंख लगाए हैं तो कइयों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। आरक्षण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। ऐसा ही एक दिलचस्प मामला गाजीपुर जिले के मरदह ब्लाक के सरनवनडीह गांव में सामने आया है। गांव में प्रधान का पद अनुसूचित जाति महिला के आरक्षित कर दिया गया है। जबकि पूरे गांव में इस जाति का महज एक ही परिवार है। 1250 मतदाताओं वाले गांव में अनुसूचित वर्ग की आबादी 13 है। ग्रामीण आरक्षण नहीं बदलने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं।
पंचायत आरक्षण में कई तरह की विसंगतियां देखने को मिल रही हैं। लोग गड़बड़ी का आरोप लगाने से नहीं चूक रहे। गाजीपुर जनपद के सरवनडीह गांव में अनुसूचित जाति का एक ही परिवार है और ग्राम पंचायत प्रधान का पद एससी महिला हो गया है। इसी तरह मरदह ब्लाक के गाई गांव के वार्ड संख्या तीन में बीडीसी का पद अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व किया गया है। जबकि वार्ड में इस जाति का एक भी मतदाता नहीं है। लोगों ने आपत्ति जताते हुए अपील करने की बात कही है।
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