
चंदौली। सपा विधायक प्रभुनारायण यादव के बलुआ थाने में धरने के बाद नादी गांव का पूर्व प्रधान और बलुआ थाने का हिस्ट्रीशीटर पप्पू उर्फ शाहिद उर्फ टाइगर एक बार फिर चर्चा में आ गया है। टाइगर पुलिस के रिकार्ड में हत्यारा है। एक दर्जन गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि बदमाश की गिरफ्तारी को सपा विधायक गलत ठहरा रहे थे। अपनी तरफ से इसे क्लीन चिट भी देते नजर आए।
जानिए टाइगर के बारे में जिसके लिए सपा विधायक ने दिया धरना
नादी गांव का पूर्व प्रधान शाहिद उर्फ टाइगर बलुआ थाने का हिस्ट्रीशीटर है। बलुआ और धानापुर थाने में कुल 12 मुकदमे पंजीकृत हैं। टाइगर पूर्व में जेल भी जा चुका है। टाइगर पर वर्ष 1999 में आर्म्स एक्ट का पहला मामला दर्ज हुआ। इसके बाद धानापुर और बलुआ थाने में हत्या, हत्या का प्रयास, 504, 506, 110 सीआरपीसी जैसे कई मामले दर्ज किए गए। इसके खिलाफ बलुआ और धानापुर दोनों थानों में 302 और 307 के तहत मामले दर्ज हैं। वर्ष 2000 में टाइगर के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई। टाइगर को बलुआ पुलिस ने पकड़ा तो सपा विधायक प्रभुनारायण यादव को नागवार गुजरा। थाना प्रभारी को फोन करने लगे। फोन नहीं उठा तो बलुआ थाने में पूरी रात धरना दिया।
पूरे प्रकरण पर बोले एसपी अंकुर अग्रवाल
हिस्ट्रीशीटर की गिरफ्तारी और सपा विधायक के धरने पर एसपी अंकुर अग्रवाल ने पूर्वांचल टाइम्स के साथ साफगोई से बात की। उन्होंने बताया कि बलुआ थाना प्रभारी ने थाने के हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया। थाना प्रभारी द्वारा बताया गया कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद विधायक का फोन आया उन्हें गिरफ्तारी के बाबत बताया गया। विधायक अपराधी की पैरवी कर रहे थे। लिखा-पढ़ी में व्यस्त होने के चलते फोन नहीं उठा सके। वहीं विधायक का आरोप है कि लगातार फोन करने के बाद एसएचओ का फोन नहीं उठा। बहरहाल इस मामले में सही तथ्य का पता लगाया जाएगा।