संवाददाताः मुरली श्याम
चंदौली। इसे पूर्व ब्लाक प्रमुखों का तिरस्कार और अधिकारियों की लापरवाही नहीं तो और क्या कहेंगे। विकास खंड चकिया के क्षेत्र पंचायत प्रमुख कार्यालय में लगे कार्य अवधि बोर्ड से पांच प्रमुखों का नाम ही गायब है। वर्ष 1967 से 1995 के बीच क्षेत्र पंचायत प्रमुख रहे जनप्रतिनिधियों का नाम तक बोर्ड पर दर्ज नहीं किया गया है। वर्तमान प्रमुख को मिलाकर कुछ छह प्रमुखों का नाम ही बोर्ड पर अंकित है। चकिया के पहले प्रमुख रहे रामसूरत सिंह का नाम भी बोर्ड पर नहीं है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख कार्यालय में जाकर प्रमुखों का इतिहास जानना चाहे तो उसे निराश होना पड़ेगा।
रामसूरत सिंह थे चकिया के प्रहले ब्लाक प्रमुख
वर्ष 1967 में राम सूरत सिंह चकिया ब्लाक के पहले प्रमुख बने। इन्होंने पूरे पांच वर्ष तक अपना कार्यकाल चलाया। 1972 में जगनारायण सिंह पटेल ने प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा जमाया। इसके बाद अगले पांव वर्षों के लिए उन्हें बिना चुनाव के ही प्रशासक के तौर पर प्रमोट कर दिया गया। कुल मिलाकर 10 वर्षों तक इस पद पर काबिज रहे। इसके बाद 1983 में शंभू नाथ मौर्या निर्वाचित होकर 5 वर्षों तक प्रमुख की कुर्सी पर काबिज रहे। 1988 में बच्चन सिंह ने प्रमुख के पद को सुशोभित किया। 1995 में सुधिराम के हाथ में ब्लाक प्रमुख पद की कमान आई। लेकिन दुर्भाग्य यह कि जि जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया महकमा उन्हें भुला चुका है। किसी ही नजर इस खामी की तरफ नहीं जा रही। कार्यअवधि बोर्ड पर वर्ष 2002 से लेकर अब तक के ब्लॉक प्रमुखों का नाम ही लिखा गया है। देखना यह है कि ब्लाक महकमा अपनी इस भूल को कब तक सुधारता है। वर्तमान जनप्रतिनिधि इस दिशा में पहल करते हैं या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी।