
मिर्जापुर। लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र से विगत साढ़े तीन माह पहले गायब हुईं दो युवतियां गुरुवार को अहरौरा के पट्टीकला में मिलीं। पुलिस दोनों को ढूंढने में नाकाम रही तो परिजनों ने ही दोनों का ढूंढ निकाला। दोनों पट्टीकला में एक किराए के मकान में लड़का बनकर रहती थीं और प्रिंटिंग प्रेस में कार्ड छपाई का काम करती थीं। लोगों को जब परिजनों से पता चला कि दोनों युवतियां हैं तो लोग हैरान रह गए। इतने दिन लोगों के बीच में रह रही थीं लेकिन किसी को भनक तक नहीं लग सकी।
दोनों युवतियों की कहानी काफी हैरतअंगेज है।युवतियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लखनऊ के चिनहट थाने में दर्ज है। साढ़े तीन माह बीत जाने के बाद भी पुलिस उन्हें ढूंढने में नाकाम रही। तक स्वजनों ने दोनों लड़कियों को खुद ढूंढने का बेड़ा उठाया। गुरुवार को दोनों लड़कियों के स्वजन उन्हें ढूंढ़ते हुए अहरौरा के पट्टी कला पहुंचे और भेष बदल कर लड़का बनी उस लड़की को भी पहचान लिया। स्वजन अगर दोनों की पहचान नहीं करते तो यह रहस्य ही बना रहता कि जींस और शर्ट पहन कर रह रहा युवक नहीं युवती ही है। भेष बदलकर युवक बनी युवती कुशलता पूर्वक लड़को की तरह ही बोलती और दूसरो से बात करती थी। दरअसल टिकटाक एप बन्द होने से पूर्व दोनो दिनभर में कई वीडियो बनाकर पैसे कमाती थीं। एप बन्द होने के बाद एक युवती युवक का भेष बनाकर एक प्रिंटिग प्रेस में कार्ड छपाई का कार्य शुरू किया था।जिससे दोनों का खर्चा चलता था। थानाध्यक्ष राजेश चाौबे ने बताया कि दोनों युवतियों के द्वारा कभी ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया जिससे शक हो कि दोनों समलैंगिक हैं।