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तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, तटवर्ती इलाके में बढ़ा खतरा, नावों का संचालन बंद

चंदौली। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर में प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की जा रही है। फिलहाल गंगा खतरे के बिंदु से लगभग पांच मीटर नीचे बह रही हैं। शुक्रवार की सुबह जलस्तर 65.30 मीटर था। खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है। एहतियात के तौर पर वाराणसी प्रशासन ने गंगा में नावों का संचालन बंद कर दिया है। जलस्तर में वृद्धि से चंदौली के तटवर्ती इलाके के गांवों में भी खतरा मंडराने लगा है। जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही जरूरी तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों को नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

 

पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बारिश की वजह से गंगा में पानी बढ़ रहा है। लगभग एक पखवारे पहले गंगा में बीच में रेत दिखाई दे रही थी। जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इससे आसपास के गांवों के लोग सांसत में हैं। दरअसल, नियामताबाद, चहनियां व धानापुर ब्लाक के तीन दर्जन से अधिक गांव किनारे स्थित हैं। गंगा ऊफान पर होती हैं तो इन गांवों में जलप्लावन की स्थिति पैदा हो जाती है। गांवों में पानी भर जाता है। वहीं सिवान भी डूब जाता है। ग्रामीणों को शरणार्थी शिविरों में शरण लेनी पड़ती है। इस बार में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आसपास के लोग सशंकित हैं।

 

गंगा में समा गई किसानों की जमीन

बाढ़ का पानी जब वापस जाता है तो अपने साथ समस्याओं का अंबार छोड़कर जाता है। गंदगी व कीचड़ की वजह से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। वहीं अपने साथ किसानों की जमीन भी बहा ले जाता है। जिले के दर्जनों किसान अपनी जमीन गंवा चुके हैं। गंगा कटान जिले की प्रमुख समस्या है। फिर भी इसके निस्तारण के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बन रही।

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