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वाराणसी

आज वाराणसी आएगा गंगा विलास क्रूज़, 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिब्रूगढ़ के लिए दिखाएंगे हरी झंडी

वाराणसी। नदी जलमार्ग से सबसे लंबी यात्रा पर काशी से डिब्रूगढ़ के लिए निकलने वाले गंगा विलास क्रूज़ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी को वर्चुअली हरी झंडी दिखाएंगे। क्रूज़ रविवार शाम चंदौली के नगवां गंगा घाट के रास्ते वाराणसी के लिए निकला, लेकिन खराब मौसम और कोहरे के कारण उसे चंदौली के रायपुर गांव के पास नगवां पंप कैनाल के पास रोक दिया गया। गंगा विलास क्रूज सोमवार की सुबह कोहरा समाप्त होने के बाद ही आगे बढ़ेगा।

रविवार सुबह सभी सैलानी गाजीपुर के गौरा बाजार में बने लॉर्ड कार्नवालिस के मकबरे को देखने गए। इसके बाद सभी यहां से सड़क मार्ग से वाराणसी के लिए रवाना हो गए। यहां सैलानियों ने सारनाथ का भ्रमण किया। क्रूज़ भी वाराणसी की ओर रवाना हो गया। विदेशी पर्यटकों का रविदास घाट पर भी स्वागत किया जाएगा। पीएम मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद क्रूज़ गंगा के रास्ते पटना और कोलकाता होते हुए बंग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा। इसके बाद डिब्रूगढ़ तक करीब 3200 किमी से अधिक की दूरी तय करेगा।

बता दें कि गंगा विलास क्रूज़ स्विचजरलैंड के 32 सैलानियों को लेकर 22 दिसंबर को कोलकाता से रवाना हुआ था। बंगाल, झारखंड, बिहार होते हुए क्रूज ने गत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया। शनिवार देर शाम यह गाजीपुर में रजागंज चौकी क्षेत्र के हमीद सेतु के पास पहुंचा तो अधिकारियों ने सैलानियों का स्वागत किया।

  • गंगा विसाल क्रूज़ की खासियत –
    -यह किसी रिवर क्रूज द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी।
    -एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है।
    -इसमें तीन डेक हैं। इस पर 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट्स हैं।
    -क्रूज में 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं हैं। यात्रियों के लिए रेस्तरां, संगीत, जिम, स्पा, आदि तमाम लग्जरी सुविधाएं।
    -क्रूज की क्षमता 80 यात्रियों की है। इस क्रूज को साल 2018 से प्रमोट किया गया था।
    -क्रूज़ 50 से अधिक जगहों पर रुकेगा, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं। यह क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क  के पास से भी होकर गुजरेगा।

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